देश में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग बढ़ती जा रही है। जमियत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बार फिर से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग कर दी है। एएनआई से बातचीत के दौरान मंगलवार को मौलाना अरशद मदनी ने कहा “एक काम करो, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाओ, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गाय और इंसान की जिंदगी दोनों ही सुरक्षित रहेंगी।” उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन गौ हत्या को लेकर देश का माहौल बिगड़ता जा रहा है। गौ हत्याओं के बाद भड़की हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है।
मदनी ने कहा गाय के कारण देश के कई राज्यों में हिंसाएं हो रही हैं। इसका ज्यादातर नुकसान मुसलमानों और दलित लोगों को हो रहा है। गौहत्या के आरोप में इन लोगों को निशाना बनाया जाता है। मदनी ने कहा “मैं कहना चाहूंगा कि हमें अपने देश के लोगों के जज्बातों के साथ नहीं खेलना चाहिए। गाय को सुरक्षित रखा जा सके इसलिए उसे राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए।” आपको बता दें कि पिछले साल भी मौलाना मदनी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने यह मांग गौरक्षकों द्वारा गाय को बचाने के लिए की जा रही हिंसाओं को रोकने के लिए की थी।
Do one thing, make a law to declare cow the national animal, this way both cows and human lives will be safe. This will be useful for the country: Maulana Arshad Madni, President, Jamiat Ulema-e-Hind in Saharanpur (6.2.18) pic.twitter.com/UvdMQC0ZxO
— ANI UP (@ANINewsUP) February 7, 2018
मौलाना ने अपने एक बयान में कहा था कि “गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का वे समर्थन करेंगे। गौरक्षक धर्म की आड़ में लूट और हत्याएं कर रहे हैं। हम अपने हिंदू भाइयों की धार्मिक भावना का सम्मान करते हैं लेकिन किसी को देश का कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।” आपको बता दें कि पिछले आठ सालों में गाय के नाम पर हुई हिंसाओं में 57 प्रतिशत मुसलमान इसका शिकार हुए हैं। इन हिंसाओं में 86 प्रतिशत मुसलमानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

