राज्यसभा में मेटरनिटी बेनिफिट बिल पास होने के बाद पेटरनिटी लीव देने की बढ़ रही मांग के बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि भारत में ऐसे फैसले का बहुत कम प्रभाव होगा, जहां पुरुष बच्चे की देखभाल के लिए अपनी छुट्टियां नहीं लेते हैं। इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि पेटरनिटी लीव उस वक्त दी जा सकती है जब महिला अपनी 26 हफ्तों की छुट्टी पूरी कर काम पर चली जाए। हमने देखा है कि पुरुष बच्चे की देखभाल के लिए एक महीने की छुट्टियां ले रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मुझे ये देकर खुशी होगी लेकिन पुरुषों के लिए ये सिर्फ एक छुट्टी होगी और वो कुछ नहीं करेंगे।

वहीं मेनका गांधी ने ये भी कहा कि अगर पुरुष बच्चे की देखभाल के लिए अपनी बीमारी वाली छुट्टियां लेकर दिखाए तो हम पेटरनिटी लीव का प्रस्ताव लाने पर विचार कर सकते हैं। बता दें कि केंद्रीय मंत्री गांधी की जिद पर ही श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मेटरनिटी बेनिफिट (संशोधन) बिल 2016 पर बहस की थी जिसके तहत मेटरनिटी लीव को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया गया है। इसके तहत बच्चा गोद लेने वाली महिलाओं को भी 12 हफ्तों की छुट्टी दी जाएगी।

केन्द्रीय सिविल सेवा अवकाश नियम के तहत कई साल पहले जारी किए गए एक नोटिफिकेशन के अनुसार सरकारी सेवा में कार्यरत पुरुष पिता बनने पर 15 दिन की पेड लीव ले सकते हैं जिन्हें किसी और छुट्टी में मिलाया जा सकता है। वहीं निजी सेक्टर में पेटरनिटी लीव का प्रावधान नहीं है, जबकि कुछ कंपनियां पेटरनिटी लीव के नाम एक या दो हफ्ते की छुट्टियां देती है।