भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। आज (16 सिंतबर) सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली स्थित आर्मी के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सिंह भारतीय वायुसेना के एक मात्र अधिकारी हैं, जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई है। यह सेना में फील्ड मार्शल के ओहदे के बराबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण वायु सेना प्रमुख बी एस धनोवा आज उनका हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे थे। भारतीय सैन्य इतिहास के नायक रहे सिंह ने 1965 की लड़ाई में भारतीय वायुसेना का नेतृत्व किया था। पाकिस्तान ने 1965 में ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया जिसमें उसने अखनूर शहर को निशाना बनाया, तब सिंह ने साहस, प्रतिबद्धता और पेशेवर दक्षता के साथ भारतीय वायु सेना का नेतृत्व किया।
Marshal of Indian Air Force Arjan Singh passes away. He was admitted at Army Hospital R&R after he suffered a heart attack earlier today. pic.twitter.com/Uh4RqZ9NF2
— ANI (@ANI) September 16, 2017
अर्जन सिंह (98) को 1 अगस्त 1964 को वायुसेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पहले वायुसेना प्रमुख थे जिन्हें पायलट रहते हुए सीएएस (चीफ ऑफ एयर स्टाफ) नियुक्त किया गया था। उन्होंने युद्ध के समय भारतीय वायु सेना का सफल नेतृत्व कर अपने प्रयास को दिखाया। 1969 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति पर, उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। उनकी सेवाओं के सम्मान में, भारतीय वायु सेना ने उन्हें जनवरी 2002 में वायु सेना के मार्शल रैंक से सम्मानित किया और उन्हें पहला और एकमात्र 5 स्टार रैंक ऑफिसर बनाया गया।
