जालना में 17 दिनों से अनशन कर रहे मनोज जरांगे ने आखिरकार अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। सोमवार दोपहर उन्होंने भूख हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं अपनी एक-दो दिन अस्पताल में रहूंगा और फिर गांव जाकर मराठा आरक्षण के समर्थकों से मुलाकात करूंगा।”

आपको बता दें कि मनोज जरांगे महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे और ओबीसी कैटेगरी के तहत मराठा आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं। 

जरांगे ने अनशन खत्म करते समय क्या कहा?

मनोज जरांगे ने कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि महाराष्ट्र सरकार उन लोगों के विस्तारित परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती, जिनके पास पहले से ही ऐसे दस्तावेज हैं और जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा, “मैं आज अपना आंदोलन स्थगित कर रहा हूं, लेकिन 3-4 युवा ऐसे होंगे जो हमारी मांगों के लिए हर दिन यहां बैठेंगे और अनशन करेंगे। मैं कुछ गांवों का दौरा भी करूंगा और उन्हें अपना पक्ष समझाऊंगा। गृह विभाग द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वे यहां (अंतरवाली सरती गांव में) मुझसे मिलने नहीं आ सके।”

आरक्षण आंदोलन को लेकर उनके खिलाफ दी गई कई पुलिस शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर मनोज जरांगे ने कहा, “अगर वे मुझ पर मुकदमा चलाना चाहते हैं, तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन (ऐसा करके) वे परेशानी आमंत्रित करेंगे। लोग नाराज होंगे और मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री को परिणाम भुगतने होंगे। अब यह फैसला उन पर है।”