उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गौकशी के शक में हुई हिंसा व बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज नामक व्यक्ति को बनाया गया है। 24 वर्षीय योगेश 2016 में बजरंग दल के सदस्य बनें और आठ महीने पहले उन्हें जिला संयोजक बनाया गया था। योगेश की पहचान अपने इलाके में एक अच्छा इंसान, देशभक्त व्यक्ति तथा हिंदुओं के मसीहा के रूप में है। उसके घर के बाहर ‘अखंड भारत’ का नक्शा वाला पोस्टर लगा है। इस नक्शे में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। साथ ही लकीरें खिंच यह दर्शाया गया है कि कब-कब देश का विभाजन हुआ है।

बुलंदशहर हिंसा मामले में दो एफआईआर दर्ज किया गया है। एक एफआईआर योगेश की तरफ से दर्ज करवाया गया है, जिसमें उसने गौकशी का आरोप लगाया है। इसमें दो नाबालिगों सहित 7 को आरोपी बनाया गया है। सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय के हैं। वहीं, इंस्पेक्टर की हत्या वाले केस की एफआईआर में योगेश को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। योगेश सोमवार से ही फरार है। पुलिस अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है। एफआईआर में पुलिस ने आरोप लगाया है कि करीब 500 लोगों का नेतृत्व कर रहे योगेश ने भीड़ को पुलिसवालों के उपर हमला करने के लिए उकसाया। दिवंगत इस्पेक्टर अपील करते रहे, इसके बावजूद योगेश भीड़ को उकसाता रहा।

पुलिस ने भले ही योगेश को हिंसा की घटना का मुख्य आरोपी बनाया है, लेकिन गांव में उसकी पहचान बिल्कुल अलग है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार,  योगेश की चाची भूरी देवी कहती हैं, “योगेश बजरंग दल का एक सक्रिय सदस्य था और हाल ही में उसे जिला संयोजक बनाया गया था। लेकिन जिस हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या की गई, वह उस हिंसा को शुरू करने में शामिल नहीं था। वह बहुत ही अच्छा और शांतिप्रिय इंसान है।” भूरी देवी ने आरोप लगाया कि सोमवार को उसके घर में छापेमारी की गई। इस दौरान उनके पति राम और बेटे सोनू के साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्हें घसीटते हुए थाना ले जाया गया। उनकी भी पिटाई की गई।

भूरी देवी की 16 वर्षीय बेटी सुमन कहती हैं कि योगेश भाई और उनकी पार्टी गांव व आसपास के क्षेत्र के हिंदुओं की सहायता करती रही है। वह कहती है, “योगेश और बजरंग दल के सदस्य न सिर्फ गौहत्या जैसे मामलों को तुरंत देखते थे, बल्कि जरूरतमंदों को सहायता भी करते थे। वे हर जगह प्रशासन से पहले पहुंचते थे।” कॉलेज छात्रा और योगेश की पड़ोसी अंजू कहती हैं, “बजरंग दल की वजह से उनके क्षेत्र में छेड़खानी की घटनाएं नहीं होती है। इससे पहले इस क्षेत्र के युवक, खासकर मुस्लिम हमारे साथ लगातार छेड़खानी करते थे।”

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गांव के लोग कहते हैं कि पिछले साल तक योगेश बुलंदशहर में नौकरी करते थे, लेकिन उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी और खुद को पूरी तरह हिंदुत्व के लिए समर्पित कर दिया। अंजू कहती है, “योगेश पास के ही एक कॉलेज से एलएलबी कर रहे हैं और शायद ही क्लॉस जाते हैं। लेकिन वहां के शिक्षक उन्हें अच्छे से जानते हैं और उन्होंने आश्वत किया कि अटेंडेंस की वजह से किसी तरह की समस्या नहीं होगी। वह देश के लिए अपना काम करते रहें।”

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद इस क्षेत्र में हमेशा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए ‘अखंड भारत’ कार्यक्रम चलाया। बजरंग दल के एक सदस्य ने इस पूरे मामले पर कहा, “ऐसे कार्यक्रम के पीछे का मुख्य उद्देशय युवाओं में देशभक्ति की भावना को बढ़ाना है। योगेश एक अच्छे नेता थे और पूरी तरह अपने काम के प्रति समर्पित थे।”