रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख के पद से अविनाश चंदर को अचानक हटाए जाने से उठे विवाद के बीच सरकार के इस फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि उन्होंने ही सिफारिश की थी कि किसी युवा को पद पर होना चाहिए।

पर्रीकर ने बुधवार को कहा- मैंने ही सिफारिश की थी कि इस पद पर अनुबंध के आधार पर कोई व्यक्ति नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे, चंदर का अनुबंध मंगलवार रात अचानक इस साल 31 जनवरी से समाप्त कर दिया गया। वे पिछले साल 30 नवंबर को रिटायर हुए थे और उन्हें अगले साल 31 मई तक 18 महीने का सेवा विस्तार अनुबंध के आधार पर दिया गया था। सरकार ने अभी तक उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा नहीं की है।

जब पर्रीकर से पूछा गया कि अब डीआरडीओ का प्रमुख कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि मौजूद लोगों में सबसे वरिष्ठ व्यक्ति इस पद को अस्थायी तौर पर संभालेगा। बहुत सारे योग्य लोग हैं जिनमें से किसी को लाया जाना चाहिए। हम डीआरडीओ से किसी ऐसे सुपात्र को खोजेंगे जिसके पास विकास के लिए मजबूत इच्छा शक्ति हो।

रक्षा मंत्री ने एक तरफ तो कहा कि उन्होंने ही इस कदम की सिफारिश की थी, वहीं दूसरी तरफ जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी जानकारी के बिना चंदर को अचानक हटाना सही है तो उन्होंने दावा किया कि मुझे जानकारी आप लोगों से मिली है।