मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मणिपुर के शहर मोरेह के पास टी मोथा में एक स्कूल की इमारत में बुधवार को अज्ञात हमलावरों ने आग लगा दी। इसके अलावा जिरीबाम जिले के कालीनगर में घरों और दुकानों में भी आग लगा दी गई है। बता दें कि 6 जून को एक लापता व्यक्ति के सिर कटे शव की बरामदगी के बाद हिंसा फिर से शुरू हो गई और 1,000 से अधिक लोगों को असम और जिरीबाम क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

रात 9 बजे हुई आगजनी

मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक बुधवार रात करीब 9 बजे अज्ञात हमलावरों ने मोरेह शहर के पास जवाहर नवोदय विद्यालय की नवनिर्मित इमारत में आग लगा दी, जिसका उद्घाटन होना भी बाकी है। मोरेह मणिपुर के सबसे बड़े व्यावसायिक केंद्रों में से एक है, जो 3 मई, 2023 को चुराचांदपुर जिले में भड़की हिंसा के बाद से बंद है। स्थानीय लोगों के अनुसार सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने एक पोस्ट बनाने की योजना बनाई थी। यह गांव असम राइफल्स पोस्ट के ठीक सामने स्थित है।

भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मोरेह शहर कई वर्षों से अवैध घुसपैठियों का केंद्र रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि म्यांमार के कई सशस्त्र समूह मोरेह शहर और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर रह रहे हैं।

ग्रामीणों ने सड़क को किया बंद

आगजनी की घटना के बाद आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों को घटनास्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए टी मोथा की ओर जाने वाली सभी सड़कों को लट्ठों से बंद कर दिया। हालांकि 5वीं असम राइफल्स पोस्ट (जो स्कूल के ठीक सामने स्थित है) आग बुझाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के बजाय मूक दर्शक बनी रही। इसके अलावा बुधवार रात मणिपुर के जिरीबाम जिले के कालीनगर में तीन घरों और एक दुकान में आग लगा दी गई। पुलिस के मुताबिक दुकान हमार समुदाय के एक सदस्य की थी।

पुलिस ने कहा कि घटना रात करीब साढ़े दस बजे हुई और जिला पुलिस की कार्रवाई के कारण आग बुझा दी गई। बाद में गुरुवार को लगभग 1:30 बजे, उसी क्षेत्र में स्थित तीन घरों में अज्ञात हमलावरों ने आग लगा दी, लेकिन बाद में आग बुझ गई।