मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और उनके साथ छेड़छाड़ का वीडियो सामने आने के बाद देश भर में विरोध जारी है। अब एक और ऐसे ही मामले में उस ही पुलिस स्टेशन में ज़ीरो एफआईआर दर्ज हुई है। इस मामले में भी एफआईआर को इंफाल पूर्व के संबंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने में एक महीने से अधिक समय लग गया। शिकायत दर्ज कराने वाले परिवार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उन्हें नहीं पता कि जांच में कोई प्रोग्रेस हुई है या नहीं। राज्य पुलिस के मुताबिक इस मामले में शनिवार सुबह एक और गिरफ्तारी के बाद अब तक कुल पांच लोग गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने जांच की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की. इंफाल पूर्व के पुलिस अधीक्षक शिवकांत ने भी एक्सप्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया है।
जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में हुआ हो या नहीं। मणिपुर में हिंसा के दौरान ऐसी कई एफआईआर दर्ज की गईं है।
दो लड़कियों की माँ ने दर्ज कराई थी शिकायत
मणिपुर में 16 मई को 21 और 24 साल की दो युवा कुकी-ज़ोमी महिलाओं की मौत पर उनके गृह जिले कांगपोकपी के सैकुल पुलिस स्टेशन में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर इनमें से एक लड़की की मां शिकायत पर दर्ज की गई थी। FIR हत्या, बलात्कार और अपहरण की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि इम्फाल पूर्व में एक कार धोने का काम करने वाली दो लड़कियों की 5 मई को उनके किराए के मकान में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बलात्कार किया गया था, इन लोगों की तादाद 100 से 200 के बीच थी।
यह एफआईआर 13 जून को ही इंफाल पूर्वी जिले के पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दी गई थी। शुक्रवार को द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते लड़की के 21 वर्षीय एक चचेरे भाई ने कहा कि इम्फाल पूर्व में पुलिस के साथ परिवार की आखिरी बातचीत 5 मई के लगभग दो सप्ताह बाद हुई थी, जब पुलिस ने उन्हें दो शवों की तस्वीरें भेजी थीं, और परिवारों ने उनकी पहचान की थी। लड़की के चचरे भाई ने बताया कि उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मिल सकी है।
सैकुल पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के मुताबिक दोनों मामलों में संबंधित पुलिस स्टेशनों को वायरलेस संदेश के माध्यम से उसी दिन सूचित किया गया था, लेकिन राज्य में तनाव के कारण मामलों को बहुत बाद में ट्रांसफर किया गया था।