नई दिल्ली। ऑनलाइन लॉटरी गेम का टिकट खरीदने में एक मिनट की देरी एक व्यक्ति के लिए महंगी साबित हुई। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने एक करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करने के लिए जी टेलीफिल्म्स के खिलाफ उसकी याचिका खारिज कर दी। उसने कथित तौर पर जी टेलीफिल्म्स के शो ‘महा लॉटो’ में 2003 में एक करोड़ रुपए जीते थे।
एनसीडीआरसी अध्यक्ष अजीत भरिहोक की पीठ ने कहा कि व्यक्ति ने शो के सीधे प्रसारण के एक मिनट बाद टिकट खरीदी थी क्योंकि उसके टिकट पर समय 9 बजकर 17 मिनट था, जबकि ड्रॉ के नतीजे की घोषणा छह जनवरी 2003 को जी टीवी पर रात नौ बजकर 12 मिनट और नौ बजकर 16 मिनट के बीच की गई थी। पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि शिकायतकर्ता (ज्योतिष चंद्रन) ने लाइव शो से विजयी नंबर को जानने के बाद टिकट खरीदा और गलत तरीके से लाभ हासिल करने की दृष्टि से उसी नंबर को चुना।’’
पीठ ने जी टेलीफिल्म्स और महाराष्ट्र सरकार समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की दलीलों पर गौर किया जिसमें शो के प्रसारण के समय और टिकट पर दिए गए समय के संबंध में शिकायतकर्ता ने अपनी जिरह में खंडन नहीं किया है। पीठ ने कहा, ‘इस बात का जिरह में शिकायतकर्ता ने गंभीरता से खंडन नहीं किया है। इसलिए इसे सही होना स्वीकार किया गया माना जा सकता है।’’ शिकायत के अनुसार कर्नाटक के रहने वाले चंद्रन ने छह जनवरी 2003 को महा लॉटो टिकट ऑनलाइन खरीदा था और टिकट खरीदने के बाद उसने लाइव ड्रॉ देखा और पाया कि उसकी टिकट पर पाए गए नंबर जीतने वाले टिकट से मिल रहे थे।
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उसने आरोप लगाया कि पुरस्कार राशि पर दावा करने के लिए उसने स्थानीय ऑनलाइन केंद्र और जी टेलीफिल्म्स के चेयरमैन और वितरकों से फोन पर संपर्क किया, लेकिन उसके अनुरोध पर विचार नहीं किया गया। विरोधी पक्ष शिकायतकर्ता को एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने में विफल रहे जिसके बाद उसने सेवा में कमी का दावा करते हुए एक शिकायत दर्ज कराई।
