आपातकाल के पचास साल पूरे होने पर केंद्र सरकार और बीजेपी शासित राज्यों में किए जा रहे कार्यक्रमों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया है। उन्होंने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमारी संविधान बचाओ यात्रा से बीजेपी घबरा गई है और इसीलिए ये इमरजेंसी के पचास सालों की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान के बचाव की बात अब कर रहे हैं, इमरजेंसी की बात बार – बार दोहरा रहे हैं, उनका संविधान बनाने में कोई योगदान नहीं है। खड़गे ने यह भी कहा कि जो चीज समाप्त हो गई थी, बीजेपी फायदे के लिए उसे उछालने की फिर कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए बीजेपी ये बातें कर रही है। यहां पढ़िए आपातकाल के किस्से
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिनका देश की आजादी के आंदोलन और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, वो हमेशा संविधान के खिलाफ बात करते थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस के नेताओं ने बहुत दिनों तक काम करके एक संविधान तैयार किया था…उस संविधान को भी उन्होंने राम लीला मैदान में जलाया और उन्होंने बाबा साहेब, नेहरू और गांधी जी की तस्वीर जलाई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही आज संविधान संकट में है। उन्होंने कहा, “अब ये संविधान बचाओ की बात कर रहे हैं। आपातकाल के 50 साल पूरा होने के बाद उसे दोहरा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में निर्वाचन आयोग कठपुतली बन गया है।
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर पीएम ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाला गया।