आर्मी कोर्ट ने सोमवार को भारतीय सेना के मेजर लीतुल गोगोई को दोषी करार दे दिया। बता दें कि मेजर गोगोई पर आरोप था कि वह श्रीनगर के एक होटल में स्थानीय महिला के साथ पाए गए थे। इसके साथ ही मेजर गोगोई को अपनी ड्यूटी से गायब रहने का भी दोषी पाया गया था। पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, मेजर गोगोई के खिलाफ अब अनुशासनात्मक कारवाई की जा सकती है। वहीं जिस कश्मीरी युवक फारुख अहमद डार को मेजर गोगोई ने मानव ढाल की तरह अपनी कार के बोनट से बांधा था, उसका कहना है कि आखिरकार उसके साथ न्याय हुआ। पीटीआई के अनुसार, फारुख अहमद डार ने कहा कि “मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं। जिस व्यक्ति ने मेरा जीवन बर्बाद किया आखिरकार अब उसे अल्लाह के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। अल्लाह ने अपने तरीके से इंसाफ कर दिया है।”

इस घटना के बाद फारुख अहमद डार को काफी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा था। साथ ही फारुख अहमद डार को इस घटना के बाद अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा था। फारुख अहमद डार ने कहा कि ‘आर्मी मेजर अपनी ताकत में अहंकारी हो गया था और खुद को मेरा खुदा समझ रहा था। हालांकि वह ये जानता है कि उसकी लाठी में आवाज नहीं है।’ बता दें कि 9 अप्रैल, 2017 को मेजर लीतुल गोगोई ने पत्थरबाजों से बचने के लिए फारुख अहमद डार को मानव ढाल के तौर पर अपनी आर्मी जीप के बोनट पर बांध दिया था। इस घटना के बाद मेजर गोगोई को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।

फारुख अहमद डार, जिसे मेजर गोगोई ने जीप से बांधा था। (photo shuaib masoodi)

दरअसल फारुख अहमद डार को मेजर गोगोई ने श्रीनगर में हुए लोकसभा उप-चुनाव के दौरान बोनट से बांधा था। डार का कहना है कि अलगाववादियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार की अपील के बावजूद वह वोट डालकर अपने घर जा रहा था। तभी मेजर गोगोई ने उसे कार से बांध लिया और करीब 28 गांवों में कार के बोनट पर बांधकर घुमाया था। बता दें कि इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस और केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा की गई थी, जिसमें फारुख अहमद डार को निर्दोष बताया गया था। डार का कहना है कि उन्हें आज तक यह पता नहीं चल सका है कि उसकी गलती क्या थी? क्या पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालना मेरी गलती थी? उल्लेखनीय है कि इस दिन पुलिस की फायरिंग में 8 लोगों की मौत हो गई थी।