टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर दो टूक जवाब दिया है। उनकी तरफ से उस कमेटी को ही एक कंगारू कोर्ट बता दिया गया है। यहां तक कहा गया है कि ये सारा खेल पहले से फिक्स था और वे फिर बड़े अंतर से जीतकर लोकसभा आने वाली हैं।
मोइत्रा की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह एक कंगारू अदालत द्वारा खेला गया पहले से ‘फिक्स’ मैच है। भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है। भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, लेकिन मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर के साथ जीतकर आऊंगी। अब महुआ मोइत्रा को इतना गुस्सा इसलिए आ रहा है क्योंकि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है। रिपोर्ट के पक्ष में 6 वोट पड़े हैं, वहां भी कांग्रेस सांसद ने भी समर्थन में ही अपना वोट दे दिया है।
कौन-कौन शामिल रहा?
जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनकी तरफ से कहा गया था कि मोइत्रा को अडानी की छवि खराब करने के लिए पैसे मिले, उन्होंने पैसों के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे। इस पूरे प्लान में उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी का भी हाथ बताया गया जिनके पास मोइत्रा की लोकसभा साइट की आइडी और पासवर्ड मौजूद था। वैसे एक तरफ टीएमसी सांसद इस मामले में बुरा तो फंसी हैं, लेकिन उनकी तरफ से तेवर नरम नहीं किए गए हैं।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने स्पीकर ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा है। उस पत्र में उन्होंने दो टूक कहा है किस्पष्ट रूप से लोकसभा की सभी उचित प्रक्रिया और नियम पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। आपकी निष्क्रियता और मेरी पिछली शिकायतों पर प्रतिक्रिया की कमी भी दुर्भाग्यपूर्ण है। अडाणी समूह के स्वामित्व वाले एक चैनल के पास मसौदा रिपोर्ट तक पहुंच गयी है जो लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों में निहित नियम 275(2) का बहुत गंभीर उल्लंघन था।