टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। एथिक्स कमेटी ने जो रिपोर्ट बनाई है, उसके पक्ष में 6 वोट पड़े हैं। बड़ी बात ये है कि एक कांग्रेस नेता ने भी उन तमाम आरोपों को सही मान लिया है और रिपोर्ट के समर्थन में ही अपना वोट दिया है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट को क्योंकि पास कर दिया गया है, ऐसे में सदस्यता जाने की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है।

मोइत्रा के खिलाफ क्या आरोप?

जानकारी के लिए बता दें कि एथिक्स कमेटी ने 500 पन्नों की अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। उस रिपोर्ट ने सभी आरोपों के बारे में विस्तार से बताया गया है, बड़ी बात ये है कि उसी रिपोर्ट सदस्यता रद्द करने की बात भी हुई है। इसी वजह से कहा जा रहा है कि टीएमसी सांसद इस मामले में बुरा फंस सकती हैं। वैसे इस पूरे विवाद पर महुआ मोइत्रा ने अभी भी अपने तेवर नरम नहीं किए हैं। उन्होंने एक तरफ इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है तो वहीं दूसरी तरफ फिर चुनाव जीतने का भरोसा भी जताया।

मोइत्रा ने कहा कि यह एक कंगारू अदालत द्वारा खेला गया पहले से ‘फिक्स’ मैच है। भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है। भले ही वे मुझे निष्कासित कर दें, लेकिन मैं अगली लोकसभा में बड़े अंतर के साथ जीतकर आऊंगी।

पूरा केस क्या है ये?

जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनकी तरफ से कहा गया था कि मोइत्रा को अडानी की छवि खराब करने के लिए पैसे मिले, उन्होंने पैसों के बदले में लोकसभा में सवाल पूछे। इस पूरे प्लान में उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी का भी हाथ बताया गया जिनके पास मोइत्रा की लोकसभा साइट की आइडी और पासवर्ड मौजूद था।