टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी कांड में बुरा फंस चुकी हैं। एथिक्स कमेटी की जो रिपोर्ट है, उसमें उन्हें ना सिर्फ दोषी पाया गया है बल्कि उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने की बात भी हुई है। इस समय टीएमसी सांसद पर सदस्यता रद्द होने की तलवार लटक रही है। अब 500 पन्नों की जो रिपोर्ट एथिक्स पैनल ने तैयार की है, उसमें साफ-साफ बताया गया है मामला गंभीर है। लेकिन एक पहलू पर सभी की नजर नहीं गई जो शायद आने वाले दिनों में सबसे बड़ा विवाद भी बन सकता है।
असल में एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को सिर्फ दोषी नहीं माना है, बल्कि अपनी जांच में इस बात पर जोर दिया है कि इस वजह से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा खड़ा हो गया। तर्क दिया गया है कि महुआ मोइत्रा द्वारा अपने संसद का लॉग इन आईडी उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया गया था। अब हीरानंदानी ज्यादातर समय विदेश में रहते हैं, ऐसे में उनके पास जो भी संसद से जुड़ी जानकारी आती है, उसके विदेशी एजेंसियों के पास लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। इस बात का जिक्र कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से कर रखा है।
इसके अलावा कमेटी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि संसद के कई ऐसे बिल होते हैं जिन्हें एंडवास में सिर्फ सांसदों के लिए वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। लेकिन मोइत्रा के केस में क्योंकि उनकी संसद की लॉग इन आईडी तो उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के पास भी रही, ऐसे में माना जा रहा है कि जिन दस्तावेजों का गोपनीय रहना जरूरी था, वो सारी जानकारी भी सांसद के अलावा किसी थर्ड पार्टी तक पहुंच रही थी। ऐसे में इस बात को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक माना गया है।
अब एथिक्क कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हैकर्स का भी जिक्र किया है, तर्क दिया गया है कि आज के समय में जब कोई भी डेटा सुरक्षित नहीं है, उस स्थिति में किसी थर्ड पार्टी तक संसद की लॉग इन आईडी चले जाना अपने आप में चिंता का विषय है। पूरी संभावना है कि हैकर्स द्वारा उस वेबसाइट को ही हैक कर लिया जाए, ऐसे सॉफ्टवेयर डाले जाएं जिससे बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन जाएं। अब यहां ये समझना जरूरी है कि मोइत्रा पर ये सभी आरोप लगे हैं, उनकी जांच होना बाकी है।
एथिक्स कमेटी ने तो बस सबूतों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर दी है, अब सरकार से मांग की गई है कि जांच एजेंसियों द्वारा इस मामले की पड़ताल करवाई जाए। इसके अलवा मनी ट्रेल समझने के लिए भी अलग से जांच की बात हुई है। अभी के लिए महुआ मोइत्रा इन आरोपों को खारिज भी कर रही हैं और इसे लोकतंत्र की हत्या भी बता रही हैं।