टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा। कैश फॉर क्वेरी मामले में उनकी सदस्यता रद्द की जा चुकी है, ऐसे में उन्हें अब अपना बंगला खाली करने के लिए कहा गया है। उन्हें 16 जनवरी तक का समय दिया गया है, इससे पहले भी उन्हें नोटिस जारी किया गया था, तब 7 जनवरी तक उन्हें बंगला खालनी करना था। लेकिन अभी तक इस नोटिस पर मोइत्रा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल दिसंबर में कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा को आयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने पैसे देकर संसद में सवाल पूछे और उनकी तरफ से अपनी लॉगिन आईडी भी एक बाहरी के साथ साझा कर ली। अब एथिक्स कमेटी ने अपनी जांच में महुआ को दोषी माना है और उन पर लगे सभी आरोप सिद्ध भी हुए हैं।

इस केस की बात करें तो निशिकांत दुबे का आरोप था कि लोकसभा में गौतम अडानी की छवि बिगाड़ने के लिए मोइत्रा ने जानपूछकर ऐसे सवाल पूछे जिससे विवाद खड़ा हुआ। यहां तक कहा गया कि उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के बाद मोइत्रा की लोकसभा की लॉग इन आईडी भी पहुंच चुकी थी, ऐसे में सवाल भी उनकी तरफ से ही लिखे जा रहे थे। वैसे एथिक्स कमेटी ने तो अपनी जांच में और भी कई पहलुओं पर जोर दिया था।

उनका तर्क था कि महुआ द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया गया। जिस तरह से उन्होंने अपनी लॉग इन आईडी तीसरे व्यक्ति के साथ शेयर की, उससे गोपनीय जानकारी के लीक होने का खतरा बढ़ गया। इसके ऊपर हैकर्स द्वारा हैक भी किया जा सकता था, इस वजह से भी मोइत्रा पर कार्रवाई हुई है।