Maharashtra Govt Formation: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सस्सपेंस फिलहाल जारी है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने एक विधायक को 50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। ऐसी स्थिति में टूट से बचाने के लिए कांग्रेस अपने सभी विधायकों को जयपुर रवाना कर रही है।
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री नितिन गडकरी मातोश्री जाकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। अब सबकी निगाहें इस संभावित मुलाकात पर टिकी हैं। अगर आज भी कोई रास्ता नहीं निकलता है तो आखिरकार वर्तमान मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और शिवसेना में तनातनी जारी है। दोनों ही दल अपनी पार्टी से सीएम बनाने पर अड़े हैं। वहीं, शिवसेना का कहना है कि वह चुनाव पूर्व हुए वादों के आधार पर ही सरकार का गठन करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें झूठा ठहराने की कोशिश की जा रही है। जबकि, चुनाव पूर्व 50-50 का वादा था। जिसके तहत एक निश्चित अंतराल के बाद दोनों दलों से मुख्यमंत्री तय किए जाएंगे।
कांग्रेस अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए उन्हें जयपुर रवाना कर रही है। शिवसेना के बाद अब कांग्रेस के विधायक भी एक स्थान-विशेष पर रखे जाएंगे। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी एक विधायक को खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपये दे रही है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि एक विधायक को बीजेपी ने 50 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी आज नागपुर से मुंबई रवाना हो रहे हैं। वह मुंबई करीब साढ़े ग्यारह बजे पहुंच जाएंगे मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आखिरी दांव चल सकते हैं। वह महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कवायद अमल में ला सकते हैं। इसके लिए वह आज मातोश्री पहुंचर उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें झूठा बताने की कोशिश हो रही है। जबकि, चुनाव पूर्व 50-50 के फॉर्मूले की बात तय हुई थी। वहीं, बीजेपी नेता एकनाथ खड़गे ने कहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच जो भी सहमति बनी थी, उसे अब सार्वजनिक कर देना चाहिए।
कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने कहा है कि महाराष्ट्र को ‘‘नैतिक रूप से भ्रष्ट’’ भाजपा से बचाना होगा। उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘‘शिवसेना, भाजपा की गठबंधन सहयोगी और महायुति का हिस्सा है। अगर उसे डर लगता है कि भाजपा उनके विधायकों को खरीदेगी तो हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि भाजपा नैतिक रूप से कितनी भ्रष्ट है और क्यों हमें महाराष्ट्र को उनसे बचाना चाहिए।’’
सावंत ने ट्वीट किया, ‘‘क्या महायुति के पास अब सरकार बनाने का नैतिक अधिकार है?’’ वह राजनीतिक अनिश्चितता के बीच शिवसेना के अपने विधायकों को बांद्रा उपगनर के रंगशारदा होटल में ठहराने के फैसले का जिक्र कर रहे थे।
महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनावों में भाजपा के खाते में 105 सीटें आई हैं। शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।
राज्य विधानसभा के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कालसे ने कहा है कि अगर कोई पार्टी नयी सरकार के गठन का दावा नहीं करती तो निर्णय राज्यपाल को लेना होगा। कालसे ने कहा कि इस स्थिति में कोश्यारी सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर पहली पार्टी नयी सरकार बनाने में असमर्थता जाहिर करती है तो सरकार दूसरे सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेगी।’’ उन्होंने कहा कि नयी विधानसभा का पहला सत्र आयोजित करने का फैसला नयी सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लिया जाता है। जब तक नया मुख्यमंत्री नहीं बनता, नयी विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता।
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर नवनिर्वाचित विपक्षी विधायकों को प्रलोभन देने की कोशिश करने का आरोप लगाया और राज्य में सरकार गठन में देरी के लिए उसे जिम्मेदार भी ठहराया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने दावा किया कि भाजपा ने विपक्षी खेमे के कुछ विधायकों से संपर्क साधा है। उन्होंने कहा कि नयी सरकार को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध के कारण राज्य और उसके किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया जहां भाजपा ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, वहीं शिवसेना बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हवाले से कहा गया कि भाजपा उनसे तभी संपर्क साधे जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने के लिए तैयार हो।
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर फंसे पेंच के बीच गुरुवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बार्वे ने राज भवन में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है। राउत ने ठाकरे की शिवसेना विधायकों के साथ बैठक से पूर्व संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी और विपक्षी कांग्रेस एवं एनसीपी के विधायक ‘‘पाला नहीं बदलेंगे’’। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, ‘‘भागवत और ठाकरे के बीच अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है।’’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार मुनगंटीवार ने उन अफवाहों को नकार दिया जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘नितिन जी कभी महाराष्ट्र नहीं आएंगे। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना दूर-दूर तक उनके ख्वाब में नहीं होगा।’’
कांग्रेस ने कहा है कि शिवसेना को इस बात का डर लगता है कि सहयोगी दल भाजपा उसके विधायकों को ‘‘खरीदेगी’’ तो क्या उसके पास महाराष्ट्र में सरकार गठन का नैतिक अधिकार है। अन्य प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने दावा किया कि विधायकों को खेमा बदलने के लिए प्रलोभन दिए गए हैं। कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने एक ट्वीट किया, ‘‘शिवसेना, भाजपा की गठबंधन सहयोगी और महायुति का हिस्सा है। अगर उसे डर लगता है कि भाजपा उनके विधायकों को खरीदेगी तो हम बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं कि भाजपा नैतिक रूप से कितनी भ्रष्ट है और क्यों हमें महाराष्ट्र को उनसे बचाना चाहिए।’’
महाराष्ट्र में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभाकोणी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने राजभवन पहुंचे। बताया जा रहा है कि दोनों ने 9 नवंबर तक सरकार न बनने की स्थिति को लेकर कानून व्यवस्था पर चर्चा की।
महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनावों में भाजपा के खाते में 105 सीटें आई हैं। शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बीजेपी उनसे तभी बातचीत करे जब वह हमें मुख्यमंत्री का पद देने के लिए राजी हो जाए। अगर वो ऐसा नहीं कर सकती तो हमसे संपर्क न करे। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जो तय हुआ था जनता ने उसी के तहत गठबंधन (बीजेपी-शिवसेना) को बहुमत दिया है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया में देरी कर रही है और राष्ट्रपति शासन थोपने की स्थिति बना रही है। राउत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को यह ऐलान करना चाहिए कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है और तब शिवसेना आगे के कदम उठाएगी। शिवसेना की मुख्यमंत्री पद साझा करने की मांग दोहराते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल से होगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत का नाम महाराष्ट्र में सरकार गठन संबंधी कदमों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने पर जल्द फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा ने शिवसेना से ज्यादा सीटें जीती हैं, इसलिये मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी का होगा। नागपुर से लोकसभा सदस्य ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शीर्ष पद संभालने के लिए राज्य में अपनी वापसी की खबरों को भी खारिज कर दिया।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा है कि हमारे पास संख्याबल है और यह संख्याबल हमारा मुख्यमंत्री बन सके इसके लिए काफी है। हम इसे फ्लोर टेस्ट के दौरान साबित भी कर देंगे। हमारे पास विकल्प मौजूद हैं।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बीजेपी प्रनिधिमंडल के राज्यपाल से मुलाकात पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि अगर बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल है तो उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश क्यों नहीं किया। वह उनसे मुलाकात के बाद खाली हाथ क्यों लौटे?
सुबह में बीजेपी नेताओं की गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात तय थी लेकिन उसे दोपहर के लिए बढ़ा दिया गया था। अब महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पटिल समेत तीन बेजीपी नेताओं ने गवर्नर से जाकर मुलाकात की है। इन नेताओं ने गवर्नर को राजनीतिक हालात से वाकिफ कराया। इससे पहले समझा जा रहा था कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी लेकिन बहुमत का जुगाड़ नहीं हो पाने की वजह से ऐसा नहीं कर सकी।
बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात से पहले प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात की है। बीजेपी के खेमे से कहा जा रहा है कि वे राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे।
बीजेपी के डर से रंग शारदा होटल ले जाए जा रहे विधायकों ने कहा है कि उनके नेता उद्धव ठाकरे हैं। उद्धव जो भी फैसला लेंगे, उन्हें मंजूर होगा।
रंग शारदा फाइव-स्टार होटल अब महाराष्ट्र की राजनीतिक गढ़ बनने जा रहा है। मातोश्री में बैठक के बाद शिवसेना ने अपने विधायकों को यहां शिफ्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि शिवसेना को डर है कि कहीं बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ न ले। ऐसे में एहतियात के तौर पर पहले ही उन्हें होटल में शिफ्ट कर दिया गया है।
उद्धव ठाकरे के आवास पर चल रही शिवसेना के विधायकों की बैठक खत्म हो गई है। उधर, बीजेपी नेता मुनगंटीवार औक चंद्रकांत पाटिल सीएम देवेंद्र पढणवीस से मिलने पहुंचे। इसके बाद सभी बीजेपी नेता गवर्नर से मिलने जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि बीजेपी शिवसेना से बात कर रही है। जल्द ही समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के ही नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार बने।
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर है कि कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी सरकार के पक्ष में खड़ी है। बुधवार को शिवसेना नेता सजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने मुंबई कांग्रेस के नेता हुसैन दलवाई से भी मुलाकात की। कांग्रेस का कहना है कि उसका मकसद बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस स्पीकर का पद चाहती है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के उद्धव ठाकरे से बातचीत की अटकलों पर संजय राउत ने बताया कि अभी तक इनके बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने एक बार फिर कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना की तरफ से बनेगा। इससे पहले भी राउत यह बात कई मर्तबा कह चुके हैं। हालांकि, फिलहाल बीजेपी और शिवसेना के बीच आज कोई बात आगे नहीं बढ़ पाई है।
मीडिया सूत्रों का कहना है कि एक ओर जहां बीजेपी राज्यपाल से मिलने वाली है। वहीं, पार्टी को अभी भी शिवसेना का इंतजार है। लेकिन, शिवसेना की तरफ से बीजेपी के मुताबिक कोई सकारात्कम हिंट नहीं मिला है।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने विधायकों को फाइव-स्टार होटल में शिफ्ट करने की खबरों को अफवाह बताया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के विधायक डंटे हुए हैं और डरना है तो वे लोग डरें, जो इस अफवाह को फैला रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना की तरफ से बीजेपी द्वारा उनके विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश का आरोप लगाया है। हालांकि, इस पर अभी स्पष्टता नहीं हो पाई है। बताया गया कि शिवसेना ऐसी स्थिति में अपने विधायकों को किसी रिजॉर्ट में शिफ्ट कर सकती है।
बीजेपी और शिवसेना दोनों महाराष्ट्र की नई सरकार में अपने दल से मुख्यमंत्री पद चाहती हैं। शिवसेना सीएम पोर्टफोलियो हासिल करने के लिए लगातार दबाव बनाए हुए है। दोनों के पास अकेले बहुमत के आंकड़े नहीं है। ऐसे में अगर दोनों दलों की सहमति होती है, तभी बात आगे बढ़ पाएगी।