Rajpal Yadav in Maha Kumbha Mela: सालों से महाकुंभ मेले में आ रहे प्रसिद्ध हास्य अभिनेता राजपाल यादव इस बार फिर मेले के प्रति अपनी आस्था प्रकट की है। अभिनेता राजपाल यादव शुक्रवार को महाकुंभ मेला 2025 के प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मेलाधिकारी विजय किरन आनंद से मुलाकात की और महाकुंभ की भव्य तैयारियों की प्रशंसा की। राजपाल यादव ने कहा, “महाकुंभ न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन है। इससे जुड़ना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। यह आयोजन आस्था, परंपरा और मानवता का संगम है, जो हर श्रद्धालु के हृदय को छूता है।”

दद्दा शिष्य मंडल की अनोखी पहल

राजपाल यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए दद्दा शिष्य मंडल के योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हर साल संगम तट पर माघ मेला, कुंभ और महाकुंभ के दौरान मंडल की ओर से शिविर लगाया जाता है। इस बार का महाकुंभ विशेष होगा क्योंकि यह पहला अवसर है जब मंडल के प्रेरणास्रोत, प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु देव प्रभाकर शास्त्री ‘दद्दा जी’ भौतिक रूप से उपस्थित नहीं रहेंगे।

राजपाल ने भावुक होते हुए कहा, “दद्दा जी अब भौतिक रूप में हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति निराकार रूप में हमेशा बनी रहेगी। महाकुंभ में उनकी शिक्षाओं और आदर्शों का अनुसरण करते हुए दद्दा शिष्य मंडल सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग की स्थापना करेगा। यह अनुष्ठान उनके बड़े पुत्र अनिल जी के नेतृत्व में संपन्न होगा।”

संगम और राजपाल का गहरा नाता, 2002 से लगातार आ रहे हैं राजपाल

राजपाल यादव ने संगम से अपने गहरे जुड़ाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मैं 2002 से संगम की पवित्र धरती पर आ रहा हूं। दद्दा जी ने मुझे कुंभ और संगमनगरी की आध्यात्मिकता से जोड़ा। तब से हर वर्ष मैं यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अनुष्ठानों में भाग लेता हूं। गंगा के तट पर आने वाले हर व्यक्ति को उसके भाव के अनुसार पुण्य की प्राप्ति होती है।”

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उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान 24 घंटे चलने वाले पूजन, यज्ञ और मंत्रोच्चार से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो जाता है। कल्पवास करने वाले और गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर मां गंगा की विशेष कृपा होती है। राजपाल यादव ने देश-विदेश के लोगों से अपील करते हुए कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है, जहां पूरी दुनिया से लोग आकर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकते हैं। मैं सभी से निवेदन करता हूं कि इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनें और इसे अपनी आस्था से और भव्य बनाएं।”

महाकुंभ 2025, जो संगम की पवित्र धरती पर आयोजित होगा, विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। आयोजन की तैयारियां मेला प्राधिकरण की देखरेख में चल रही हैं। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा, “महाकुंभ के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।”

राजपाल यादव और दद्दा शिष्य मंडल के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि महाकुंभ में उनकी भागीदारी दद्दा जी की शिक्षाओं और आदर्शों को आगे बढ़ाने का प्रयास है। दद्दा जी ने संगमनगरी के प्रति जो आस्था और प्रेम जगाया, वह उनके शिष्यों और श्रद्धालुओं के जरिए हमेशा जीवित रहेगा। महाकुंभ 2025 एक बार फिर से श्रद्धा, भक्ति और भारतीय संस्कृति का गौरवपूर्ण संगम बनने जा रहा है। यह आयोजन हर श्रद्धालु के लिए एक ऐसा अनुभव होगा, जो उसे अध्यात्म, मानवता और भारतीय विरासत के साथ गहराई से जोड़ देगा।