मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बच्‍चों का बलात्‍कार करने वालों को सजा के तौर पर नपुंसक बनाने के प्रस्‍ताव पर गौर करे।

मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह बच्‍चों का बलात्‍कार करने वालों को सजा के तौर पर नपुंसक बनाने के प्रस्‍ताव पर गौर करे। रविवार को जारी तल्‍ख ऑर्डर में कोर्ट ने कहा, ‘हम आंखें मूंद कर चुपचाप बैठे नहीं रह सकते। पूरे देश में बच्‍चों के साथ गैंगरेप की खौफनाक वारदात हो रही हैं। कोर्ट इसे चुपचाच नहीं देख सकता।’


ऑर्डर पास करने वाले जस्टिस एन. किरुबाकरन ने कहा कि पोस्‍को (प्रोटेक्‍शन ऑफ चिल्‍ड्रेन फ्रॉम सेक्‍सुअल ऑफेंसेज एक्‍ट) जैसा सख्‍त कानून होने के बावजूद बच्‍चों पर जुल्‍म बढ़ रहे हैं।

इस अदालत को यकीन है कि बच्‍चों से बलात्‍कार करने वालों को नपुंसक बनाने की सजा दिए जाने के जादुई नतीजे सामने आएंगे।

जज ने बताया कि ऐसे अपराधों की संख्‍या साल 2012 के 38,172 से बढ़ कर 2014 में 89,423 हो गई है। कानून नाकारा साबित हो रहे हैं और समस्‍या से निपटने में सक्षम नहीं हैं।