मध्य प्रदेश के खरगोन के पिपराखेड़ा नाका पंचायत में मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले श्रमिकों को जारी किए गए कुछ जॉब कार्ड पर कथित तौर पर श्रमिकों के बजाय उन पर अभिनेत्रियों के फोटो और डिटेल्स पाई गईं। जून और जुलाई के महीनों में कुछ दिनों के लिए भुगतान एक ही कार्ड पर किए गए थे। खरगौन के एक गांव के 30 साल के सोनू शांतिलाल के नाम के आगे दीपिका पादुकोण की तस्वीर लगी हुई है. जॉब कार्ड के मुताबिक, शांतिलाल ने मनरेगा में पूनमचंद के खेत के पास नाला बनाया है, भुगतान भी हुआ है. इस गांव में ऐसे 1-2 नहीं, 10 से ज्यादा हितग्राही हैं जो सेलिब्रिटी हैं।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जॉब कार्ड के उचित हितधारकों को मनरेगा में काम करने की उनकी राशि नहीं मिली। जब उन्होंने ऑनलाइन इनक्वायरी की तो उनके कार्ड फर्जी पाए गए। जॉब कार्ड धारियों को पता तक नहीं कि उनके जॉब कार्ड पर फिल्म अभिनेत्रियों की तस्वीर लगी है। यही नहीं, उनके पास जो जॉब कार्ड मौजूद हैं, उनके क्रमांक में भी अंतर आ रहा है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके पास 50 एकड़ जमीन है, लेकिन उनके नाम से जॉब कार्ड बने हैं। गांव में 10 से ज्यादा जॉब कार्ड ऐसे मिले जिस पर अभिनेत्रियों की तस्वीर लगी है।

जॉब कार्ड धारी मनोज उर्फ मोनू दुबे का कहना है कि उसने जॉब कार्ड नहीं बनवाया और न ही कभी मजदूरी पर गया, लेकिन मंत्री और सचिव ने फर्जी कार्ड बनाकर 30000 रुपए निकाले हैं। एक और युवक सोनू उर्फ सुनील का भी कहना है कि उसके नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनाया गया है, जबकि उसके पास पहले से कार्ड है। इस मामले के सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ गौरव बेनल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही फर्जी जॉब कार्ड मामले की भी जांच की जाएगी।

राज्य सरकार का दावा है कि इस साल मनरेगा में उसने तीन गुना काम दिया, वैसे लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट में पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने बताया कि 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में करीब 782 करोड़ रुपए के मनरेगा मजदूरी का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, आधी रकम अकेले बंगाल की है, वहीं मध्य प्रदेश ने मजदूरों को लगभग 60 करोड़ नहीं दिए हैं।