छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में साथ में ही शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। दोनों ही राज्यों में 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ दिलवाई जाएगी। बताया जा रहा है कि दोपहर को दो बजे दोनों ही सीएम की ताजपोशी कर दी जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के हर दिग्गज नेता मौजूद रहने वाले हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति दिख सकती है।

छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां पर बीजेपी ने विष्णुदेव साय को अपना मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं एमपी में सभी को हैरान करते हुए मोहन यादव को ये पद सौंप दिया गया है। दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने पिछड़े समाज से आए नेताओं को मौका दिया है। पार्टी की पूरी कोशिश है कि विपक्ष की ओबीसी पॉलिटिक्स की रणनीति को जमीन पर पूरी तरह फेल किया जाए।

जानकारी के लिए बता दें कि विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से आते हैं। राज्य में आदिवासी समुराय की आबादी सबसे अधिक है और राय इसी समुदाय से आते हैं। अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन सका। बीजेपी इस बार आदिवासी समुदाय से किसी को मुख्यमंत्री बना सकती है। विष्णुदेव साय 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। इतना ही नहीं राय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में होगी है। वह रमन सिंह के भी करीबी हैं। साल 1999 से 2014 तक वह रायगढ़ से सांसद रहे हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय को केंद्र में मंत्री बनाया गया। जिसके बाद इन्होंने संगठन पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

मोहन यादव की बात करें तो साल 2013 में वे सबसे पहले उज्जैन दक्षिण से विधायक बने थे। वे लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं, इस बार तो उन्होंने अपने कांग्रेस प्रत्याशी को 12941 मतों से हरा दिया था। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो उन्होंने सबसे साल 1982 में ही राजनीति में कदम रख दिया था। तब वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह सचिव नियुक्त किए गए थे। इसके दो साल बाद ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन का नगर मंत्री बना दिए गए थे। 1988 तक तो एबीवीपी में उनकी पकड़ काफी मजबूत हो चली थी और वे सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन चुके थे।