Lord Jagannath Chariot: कोलकाता इस्कॉन की फेमस भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के रथ के पहियों को 48 साल बाद बदला गया है। इस बार रथ में सुखोई लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किए जाने वाले टायर लगाए गए हैं। इनको एमआरएफ ने बनाया है। पिछले साल रथ के स्टीयरिंग में कुछ दिक्कत आने के बाद नए टायर लगाने की जरूरत पड़ी थी।
आधी सदी से ज्यादा वक्त से इस्तेमाल किए जा रहे ये पुराने टायर बोइंग बी-747 के थे। विमान के बंद हो जाने के बाद जंबो जेट टायरों का सोर्स तलाशना एक बहुत ही बड़ी चुनौती बन गया। इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने कहा कि पिछले कुछ सालों में टायर घिसते रहे और हर रथ यात्रा से पहले उनकी मरम्मत की जाती थी। हालांकि, 2005 में दास ने पाया कि उन्हें बदलने की जरूरत है। इसके बाद भगवान के रथ के लिए नए टायरों की तलाश में 20 साल लग गए। टायरों की व्यवस्था करने में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उन्हें कितना वजन उठाना होगा। इसके बाद सुखोई के 4 फुट डायमीटर वाले टायर जंबो जेट टायरों से सबसे ज्यादा मेल खाते हुए मिले। इनका डायमीटर भी करीब 4 फुट था और हर एक का वजन करीब 110 किलो था।
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एमआरएफ से किया संपर्क – राधारमण दास
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने कहा, ‘जब मैंने रथ के लिए सुखोई टायर की मांग करते हुए एमआरएफ से संपर्क किया तो पहले तो उन्होंने हमारी बात पर नहीं भरोसा नहीं किया उन्होंने रथों की जांच करने के लिए अधिकारियों की टीम को कोलकाता भी भेजा। जब उन्होंने देखा कि पिछले 48 सालों से रथ बोइंग 747 जंबो जेट टायरों पर चल रहे हैं और हमने उन्हें बताया कि साइज के मामले में सुखोई टायर सबसे बेहतर हैं। उसके बाद वह हमें टायर बेचने के लिए राजी हो गए।’
टायर बदलने का काम कब तक होगा पूरा
टायर बदलने का काम अभी चल रहा है और उम्मीद है कि रथ यात्रा से ठीक पहले जून के दूसरे हफ्ते तक यह काम पूरा हो जाएगा। सबसे बड़ी चुनौती तो यह तय करना है कि नए पहिये सही तरीके से फिट किए जाएं। चारों टायरों की कुल कीमत 1.80 लाख रुपये है। टायरों की डिलीवरी और फिट होने के बाद 24 किलोमीटर का ड्राई रन आयोजित किया जाएगा। कैसे हुई थी जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत