बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। एक तरफ प्रचार तो शुरू हो चुका है, इसके साथ-साथ उम्मीदवारों को लेकर भी मंथन तेज कर दिया गया है। बड़ी बात ये है कि बीजेपी इसी महीने के अंत तक अपनी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। माना जा रहा है कि 150 से 160 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इस बार पार्टी की नजर युवा से लेकर महिला नेताओं पर ज्यादा है, यानी कि कुछ बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

इसके ऊपर पार्टी रणनीति के तहत जिन भी नेताओं की उम्र 70 से ज्यादा चल रही है, इस बार उनका चुनाव लड़ना मुश्किल है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ ज्यादा उम्र के दम पर किसी की टिकट को काटा जा रहा है। अगर कुछ विशेष अनुभवी नेताओं को छोड़ दिया जाए तो बाकी को इस बार टिकट मिलना मुश्किल रहेगा। वर्तमान लोकसभा में बीजेपी के 56 ऐसे सांसद हैं जिनकी उम्र 70 के पड़ाव को पार कर चुकी है। इसमें राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर नेता भी शामिल हैं। अब पार्टी क्या कोई बड़ा बदलाव करेगी या सेफ खेलते हुए ऐसे दिग्गजों को फिर मैदान में उतारेगी, इस पर सभी की नजर रहेगी।

वैसे जल्दी उम्मीदवार घोषित करना बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। हाल ही में जिन तीन राज्यों में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की, वहां समय से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिए गए थे। उस वजह से रणनीति बनाने से लेकर प्रचार करना आसान रहा और पार्टी को इसका फायदा भी हुआ। अब उसी एक्सपेरिमेंट को लोकसभा चुनाव में भी दोहराने की तैयारी है, इसी वजह से इंडिया गठबंधन से पहले ही जनवरी के अंत तक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जा सकती है।

अब बीजेपी उस समय अपनी लिस्ट लाने की तैयारी कर रही है जह इंडिया गठबंधन में तो सीट शेयरिंग को लेकर ही कोई फैसला नहीं हो पाया है। अभी तक ये भी साफ नहीं है कि कौन सी पार्टी कहां कितनी सीटें लड़ने वाली है। अंदरूनी झगड़ों की वजह से कई राज्यों में मामला फंसता भी दिख रहा है। बीजेपी उसी स्थिति का फायदा उठाते हुए जनता के सामने संदेश देना चाहती है कि वो ज्यादा तैयार है और चुनावी पिच पर आक्रमक अंदाज में बैटिंग करने वाली है। इसी वजह से इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी पिछली बार से भी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने 437 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 303 पर उसकी जीत दर्ज हुई थी। इस बार पार्टी इससे ज्यादा ही सीटों पर लड़ने वाली है, उन सीटों पर भी उसकी नजर रहने वाली है जहां पर अभी तक वो एक बार भी नहीं दी जीती है। यानी कि हारी हुई सीटों पर कैसे बाजी पलटी जाए, इस पर भी मोदी-शाह की नजर है।