न बाजा न बारात, बस आगे-पीछे पुलिस और बीच में दुल्हन के साथ दूल्हे राजा। ऐसे संपन्न हुई दिल्ली में एक शादी। दरअसल पूर्णबंदी के चलते सामाजिक दूरी का खयाल रखते हुए लोग एकसाथ इकट्ठे नहीं हो रहे हैं। लेकिन राजधानी में पेशे से आइटी प्रोफेशनल खुशहाल और पूजा जब घर पहुंचे तो उनकी गली, छतों और घरों की बालकनी में खड़े लोगों ने फूलों की बरसा कर जोड़े का जोरदार स्वागत किया। इस शादी में पुलिस ने भी अपनी सामाजिकता निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
शादी के लिए फूलों की माला नहीं मिली तो दोनों ने प्लास्टिक की मालाएं पहनीं। शादी के वक्त हेड कांस्टबेल संजीव ने पूजा को चुनरी और नारियल दिया। तो पूजा और खुशहाल ने भी बदले में हेड कांस्टबेल संजीव और अनिल को सैनिटाइजर और मास्क गिफ्ट किया। शादी के बाद वर-वधु को पुलिस की जिप्सी उनके घर छोड़कर आई। पुलिस की अहम भूमिका के लिए परिवार वालों ने उनका शुक्रिया अदा किया।
आर्य समाज मंदिर में शनिवार को हुई इस शादी के बाद दुल्हन की विदाई डोली की बजाय पुलिस की जिप्सी में हुई। पूर्णबंदी के बीच गोविंदपुरी में रहने वाले नरेश वालिया ने अपने एक पारिवारिक दोस्त निशिकांत से कहा कि उनके बेटे की शादी 25 अप्रैल की पहले से तय है। कार्ड बांट दिए गए हैं। दोनों परिवारों ने तय किया कि चाहे चुन्नी चढ़ाकर ले आओ, लेकिन बहू को ले आओ। निशिकांत ने कालकाजी थाने में संपर्क साधा। हेड कांस्टबेल संजीव वोहरा और अनिल ने ये बात थाने के एसएचओ को बताई। और शादी कराने की मंजूरी मिल गई।
अपनी शादी ताउम्र याद रहेगी
खुशहाल वालिया ने कहा कि सपना था कि बैंड बाजा बारात का पर कोरोनो के कारण ऐसा नहीं हो सका। सभी नियम का पालन करते हुए यूनिक तरीके से हुई शादी जो ताउम्र याद रहेगी। कालकाजी के एसएचओ संदीप घई ने कहा कि कालकाजी थाने की पुलिस टीम ने शादी के बाद दूल्हा और दुल्हन को पुलिस की जिप्सी से उनके घर पहुंचाया।

