केंद्र सरकार ने आज राज्यसभा में तीन श्रम सुधार विधेयक पास करा लिए। विपक्ष ने इस दौरान सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया, इसके बावजूद सरकार ने इन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कराया। इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधेयकों के एक प्रावधान के जरिए मजदूरों के लिए इसकी खासियत बताई। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पास होने के बाद प्रवासी मजदूरों को साल में एक बार घर जाने के लिए प्रवास भत्ता मिलेगा। यह भत्ता प्रवासी मजदूर को उनके मालिक ही देंगे।

श्रम कानूनों में व्यापक सुधार के लिए केंद्र ने तीन विधेयक पेश किए थे- उपजीविकाजन्य सुरक्षा (स्वास्थ्य एवं कार्यदशा) संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020। इन विधेयकों को लाए जाने के बाद 2019 में पेश किए गए इन्हीं विधेयकों को पिछले स्वरूपों को वापस ले लिया गया था।

जावड़ेकर ने कहा कि मजदूर जिस न्याय का इंतजार कर रहे थे, वह अब उन्हें मिल रहा है। यह मजदूरों को वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा तीनों की गारंटी देने वाला ये बिल है। उन्होंने दावा किया कि इन विधेयकों से दुनियाभर के मजदूर कानूनों के मानकों का अनुपालन आसान होगा, जिससे विदेशी निवेश भी मिलेगा। जावड़ेकर ने कहा कि 16 राज्य पहले ही 300 से कम कर्मचारी क्षमता वाले उद्योगों को बंदी, श्रमिकों को निकालने और छंटनी से जुड़े प्रवाधानों में छूट दे चुके हैं।

बता दें कि अब तक 100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक संस्थानों को बिना सरकार की इजाजत के ही स्टाफ की भर्ती और उन्हें निकालने की छूट थी। लेकिन संसद में इन विधेयकों के पास होने के बाद अब जिन कंपनियों के पास 300 से कम कामगारों की क्षमता है, उन्हें बिना सरकार की इजाजत के ही कामगारों की भर्ती करने या उन्हें निकालने की आजादी होगी।

औद्योगिक संबंध विधेयक में एक प्रस्ताव यह भी है कि कोई भी व्यक्ति जो औद्योगिक संस्थान का हिस्सा है, वह बिना 60 दिन पहले नोटिस दिए हड़ताल पर नहीं जाएगा। इतना ही नहीं अगर कोई मामला राष्ट्रीय औद्योगिक ट्रिब्यूनल में लंबित है, तो कार्रवाई के खत्म होने के 60 दिन बाद तक कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते। मौजूदा समय में सिर्फ सार्वजनिक उपयोगिता से जुड़ी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को हड़ताल में जाने से छह हफ्ते के अंदर नोटिस देना होता है। नोटिस देने के बाद कोई भी कर्मी दो हफ्ते तक हड़ताल पर नहीं बैठ सकता। हालांकि, श्रम मंत्रालय अब इस प्रावधान को सभी औद्योगिक संस्थानों (सरकारी और निजी) में लागू कर देगा।