नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 9वें दिन भी जारी है। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की कल हुई बैठक हुई थी। यह बैठक करीब 7 घंटों तक चली लेकिन बेनतीजा रही। किसान सरकार से लिखित में चाहते हैं कि एमएसपी नहीं हटाया जाएगा। इसी बीच आजतक से बात करते हुए शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने प्रधान मंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
हरसिमरत ने कहा कि किसान देश की रीड़ की हड्डी हैं। वे जितना मजबूत होंगे देश मजबूत होगा। कौर ने कहा “7 दिन में 7 मर चुके हैं, जब पीएम कह रहे हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगा तो लिखने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री, जब 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा गठित कार्य समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने जो सबसे बड़ी सिफारिश की थी, वह एमएसपी को एक सांविधिक अधिकार बनाने के लिए थी। आज पीएम हैं और अपनी खुद की सिफारिश को लागू कर सकते हैं।”
कौर ने कहा “जो चीज आप 2011 में मुख्यमंत्री के तौर पर कहते थे, आज उसी के लिए सड़कों में बैठकर किसान भीख मांग रहा है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस क्या होता है। कम से कम किसान को ज़िंदा रहने के लिए सरकार कीमत तय करती है। इस कीमर की घोषणा कर के आप अपनी पीठ तो थपथपाते हैं लेकिन देश के 90% किसानों को वो कीमत नहीं मिलती।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार काम करने के बदले ध्यान भटकाने में लगी हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की मांग मान लेने में सरकार को क्या दिक्कत है? सरकार को हठ त्याग कर किसानों की बात सुननी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की बात को नहीं सुनना चाहती है। इस ठंड में सरकार की तरफ से उन लोगों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन फिर भी किसानों का आंदोलन कमजोर नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि SAD ने कृषि कानून के विरोध में केंद्र की एनडीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।