केरल के त्रिशूर में एक स्कूल टीचर पर मुस्लिम स्टूडेंट्स को ओणम सेलिब्रेशन में शामिल न होने की सलाह देने पर मामला दर्ज किया गया है। जिले के एक प्राइवेट स्कूल की टीचर पर छात्रों को ओणम समारोह में भाग लेने से परहेज करने की सलाह देकर कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
कदवल्लूर स्थित सिराजुल उलूम इंग्लिश स्कूल में पढ़ाने वाली खदीजा के खिलाफ डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। खादीजा के अलावा एक अन्य शिक्षिका को भी उनकी टिप्पणी का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
टीचर ने मुस्लिम बच्चों को दी ओणम समारोह में शामिल न होने की सलाह
शिकायत के अनुसार, ख़दीजा ने कथित तौर पर स्कूल से जुड़े एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक वॉइस मैसेज भेजा, जिसमें मुस्लिम छात्रों और उनके अभिभावकों को ओणम समारोह में शामिल न होने की सलाह दी गई थी। उन्होंने कहा कि ओणम दूसरे धर्म का त्योहार है और इसे मनाना गैर-इस्लामी है। टीचर की यह ऑडियो क्लिप वायरल हो गई जिसके बाद स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
कुन्नमकुलम सर्किल इंस्पेक्टर जयप्रदीप ने कहा कि खादीजा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य या दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देने से संबंधित है। वहीं, दूसरी ओर स्कूल ने टीचर की टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कहा कि यह टिप्पणी व्यक्तिगत रूप से की गई थी और संस्थान के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। स्कूल प्रबंधन ने यह भी कहा कि ओणम समारोह गुरुवार को ओनासादाया या उत्सव भोज के साथ योजनानुसार मनाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इस अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में 204 छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से 15 हिंदू हैं। यहाँ 24 शिक्षक हैं, जिनमें से 13 मुस्लिम हैं।
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बरेली पुलिस ने धर्मांतरण के गिरोह का भंडाफोड़
बरेली पुलिस ने धर्मांतरण के एक ऐसे बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो मुस्लिम लड़कियों के जरिये हिंदुओं का धर्मांतरण कराता था। इस गिरोह में शामिल एक मौलवी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह पैसे का लालच देकर निकाह कराता और फिर धर्म परिवर्तन कराता था। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान फैजनगर स्थित मदरसे के मौलवी अब्दुल मजीद (35), सलमान (30), मोहम्मद आरिफ और फहीम के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का नेटवर्क 13 प्रदेशों के 30 जिलों तक फैला है। यह गिरोह वित्तीय रूप से कमजोर, अविवाहित युवकों और दिव्यांग लोगों समेत कमजोर तबके के लोगों की पहचान करता था और प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराता था। उन्होंने बताया कि पेशे से दर्जी सलमान मदद की पेशकश करने या मुस्लिम लड़कियों से परिचय कराने के बहाने हिंदू परिवारों से मिलता था। वहीं, पेशे से नाई फहीम इस काम में सलमान की मदद करता था। उन्होंने बताया कि एक बार प्रभाव में आने पर व्यक्ति को मदरसा लाया जाता जहां उनको फुसलाया जाता और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए धार्मिक साहित्य और सीडी आदि दी जाती थी। पुलिस ने मदरसे से भारी मात्रा में धार्मिक सामग्री, धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र बरामद किया है। पढ़ें- कैसे बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी को बनाया भव्य सामुदायिक उत्सव?
(भाषा के इनपुट के साथ)