केरल में हुए सोलर पैनल घोटाला केस के मुख्य आरोपी ने इस मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने राज्य के सीएम ओमान चांडी और उनकी कैबिनेट के दो मंत्रियों के खिलाफ संगीन आरोप लगाए हैं। आरोपी बिजू राधाकृष्णन ने बुधवार को आयोग के सामने बताया कि चांडी ने सोलर बिजनेस में उनकी पार्टनर रहीं सरिता ए नायर का शारीरिक तौर पर इस्तेमाल किया। चांडी के अलावा, मंत्री शिबू बेबी जॉन और एपी अनिल कुमार, कुछ कांग्रेसी विधायक और मंत्री के निजी सेक्रेटरी ने भी नायर का इस्तेमाल किया। आरोपी का कहना है कि नायर ने उसे इस बात के सबूत भी दिए थे। आरोपी ने यह भी माना है कि उसने तीन किश्तों में चांडी को साढ़े पांच करोड़ रुपए की घूस दी थी। इसमें से पांच करोड़ दस लाख रुपए चांडी ने सीधे तौर पर लिए। रकम चांडी के तत्कालीन सिक्युरिटी गार्ड सलीम राज के निर्देशों के मुताबिक सौंपी गई।
चांडी ने आरोपों को किया खारिज: हालांकि, चांडी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वे विपक्ष की ब्लैकमेल पॉलिटिक्स के सामने हार नहीं मानेंगे। चांडी ने कहा, ”अगर इन आरोपों में एक पर्सेंट भी सच्चाई तो मैं सार्वजनिक जीवन में बने रहने लायक नहीं हूं। राधाकृष्णन ने इन आरापों को पूर्व में मीडिया या कोर्ट के सामने क्यों नहीं रखा? अगर उसने सबूत नहीं दिखाए तो मैं उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।”
दो साल पहले जब सोलर पैनल घोटाला मामला प्रकाश में आया तो चांडी के दफ्तर की भूमिका पर सवाल उठे थे। लंबे वक्त से चांडी के निजी सहयोगी रहे टी जोप्पन, जिकूमन जैकब, उनका निजी सिक्युरिटी गार्ड सलीम राज इस केस में कथित तौर पर शामिल पाए गए। उनके इस मामले के मुख्य आरोपी सरिता एस नायर से कथित तौर पर करीबी रिश्ते थे। यह भी खुलासा हुआ कि चांडी के निजी स्टाफ ने अपनी काली करतूतों को अंजाम देने के लिए चांडी के दफ्तर का इस्तेमाल किया। सीएम को मजबूरन अपने करीबियों को बर्खास्त करना पड़ा था।