प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (27 जुलाई 2019) को कारगिल विजय दिवस समारोह के लिए इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम पहुंचे। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद भी थे। कारिगल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न तो किसी दबाव में आएंगे और न ही प्रभाव में काम करेंगे। अपने संबोधन में पीएम ने कहा ‘सेना को आधुनिक बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर किसी के दबाव में नहीं आएंगे। पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा। 1948, 1965, 1971 उसने यही किया। लेकिन 1999 में उसके छल को छलनी कर दिया गया था। यह विजयगाथा पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।’

पीएम ने आगे कहा ‘मैं 20 साल पहले करगिल तब भी गया था जब युद्ध अपने चरम पर था। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठकर अपने खेल, खेल रहा था। एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी पर जाकर नमन किया था। कारगिल मेरे लिए तीर्थस्थल है। मेरा मानना है कि सैनिक आज के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए अपना जीवन बलिदान करते हैं। हमारा आने वाला कल सुरक्षित रहे, उसके लिए वो अपना वर्तमान स्वाहा कर देता है। सैनिक जिंदगी और मौत में भेद नहीं करते, उनके लिए कर्तव्य ही सब कुछ होता है। करगिल में विजय प्रत्येक देशवासियों की उम्मीदों और कर्तव्यपरायणता की विजय थी।

प्रधानमंत्री ने कहा ‘बीते पांच साल में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस ‘वन रैंक वन पेंशन’ लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूरा किया। इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया। इसके अलावा ‘नेशनल वॉर मेमोरियल’ भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है।’

बता दें कि 20 साल पहले करगिल की चोटी पर पाक सेना और घुसपैठियों को मार भागकर हमारे जवानों ने करगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था। 1999 के करगिल युद्ध में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों की याद में 26 जुलाई को देश विजय दिवस मनाता है।