Kangana Ranaut Controversy: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी मुसीबत में घिर गई हैं। अपने हालिया विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहीं कंगना रनौत की फिल्म को लेकर चंडीगढ़ जिला कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की मांग के साथ एक याचिका दायर की गई है। इस मामले में सुनवाई 17 सितंबर को होगी। फिल्म को लेकर न केवल कंगना रनौत बल्कि फिल्म के स्क्रीनप्ले रितेश शाह और प्रोडक्शन हाउस जी स्टूडियों के खिलाफ भी केस दर्ज करने की मांग की गई है।

जानकारी के मुताबिक यह याचिका चंडीगढ़ जिला न्यायालय में कार्यरत वकील और और लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नामक NGO के अध्यक्ष रविंदर सिंह बस्सी ने दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने फिल्म के प्रमुख को लेकर BNS 2023 की धारा 196 (1) 197 (1) 302, 299 के तहत केस दर्ज करने की मांग की है।

Kangana Ranaut की फिल्म के खिलाफ क्या तर्क?

इस याचिका को लेकर जानकारी मिली है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अंकित ऐरी की बेंच अदालत में दायर अपनी याचका में वकील बस्सी ने कहा है कि रनौत जो फिल्म “इमरजेंसी” की अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। याचिका में फिल्म के ट्रेलर को समस्या पैदा करने वाला बताया है। इसमें यह भी कहा गया कि कई बार अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान और भाषण दिए गए हैं, जो कि दो समुदायों के बीच मतभेद पैदा कर सकते हैं।

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अकाल तख्त के जत्थेदार को बताया गया आतंकवादी

वकील बस्सी ने आरोप लगाया है कि फिल्म ‘इमरजेंसी’ में रनौत और जी स्टूडियोज ने ‘सिखों की छवि खराब करने की कोशिश की है’ और ‘अकाल तख्त साहिब’ के पूर्व जत्थेदार को फिल्म में आतंकवादी के रूप में पेश करके उन्हें निशाना बनाया है। याचिका में कहा गया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट रूप से एक प्रस्ताव पारित किया था और एक नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति सिख गुरुओं, संतों और पूर्व जत्थेदारों का चित्रण, चित्रण और मानवीकरण नहीं कर सकता है।

बस्सी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उचित ऐतिहासिक तथ्यों और आंकड़ों का अध्ययन किए बिना सिखों को गलत तरीके से पेश किया और सिख समुदाय की सर्वोच्च लौकिक सीट के खिलाफ झूठे आरोप भी लगाए।

फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि “श्री अकाल तख्त साहिब” के मौजूदा जत्थेदार एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं जो पूरी तरह से झूठ है और यह सिर्फ सिखों और अकाल तख्त के जत्थेदारों की छवि खराब करने के लिए दिखाया गया है, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया।