बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज हो रही है। हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) सत्यपाल जैन ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने अभी तक फिल्म इमरजेंसी को सर्टिफिकेट नहीं दिया है। एएसजी सत्यपाल जैन ने कहा कि बोर्ड सिख समुदाय सहित सभी समुदायों की भावनाओं को ध्यान में रखेगा।
‘सर्टिफिकेट में अधिक समय लग सकता है’
सीबीएफसी के सूत्रों के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “इसमें शामिल मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए सर्टिफिकेट में अधिक समय लग सकता है और यह दर्शाता है कि मंजूरी में देरी हो सकती है। फिल्म की रिलीज डेट से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। सर्टिफिकेट प्रदान करने से पहले ही इसकी घोषणा कर दी गई है।”
एएसजी सत्यपाल जैन शनिवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने केंद्र सरकार और सीबीएफसी की ओर से पेश हुए, जो फिल्म के प्रमाणन के खिलाफ मोहाली निवासियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। एएसजी ने अदालत को बताया कि प्रमाणन अभी भी प्रक्रियाधीन है और कोई भी व्यक्ति यदि चिंतित है तो वह बोर्ड के समक्ष एप्लीकेशन दे सकता है। शनिवार को मामले का निपटारा कर दिया गया।
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ASG ने दी जानकारी
एएसजी सत्यपाल जैन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “निर्माताओं (फिल्म के) ने एक आवेदन (सीबीएफसी को प्रमाणन के लिए) प्रस्तुत किया है जो बोर्ड के सामने विचाराधीन है। बोर्ड ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। यह अभी भी विचाराधीन है। हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि अंतिम निर्णय लेते समय हम सिख समुदाय सहित सभी समुदायों की भावनाओं को ध्यान में रखेंगे। सभी सुझावों का स्वागत है। हम इसके लिए तैयार हैं।”
यह पहली बार है कि सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया है। शुक्रवार को कंगना ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित उनकी फिल्म को बोर्ड ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन सीबीएफसी को दी गई ‘धमकी’ के कारण इसका प्रमाणन रोक दिया गया था।
विवादों में है फिल्म
फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। पंजाब से सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि इस फिल्म में इमरजेंसी के दौरान सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही है।