Kandahar IC 814 hijack: कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान पाकिस्तान ने अपहरणकर्ताओं के विमान को अपने क्षेत्र में उतरने की इजाजत नहीं दी थी। विमान का इंधन समाप्त हाे रहा था। ऐसी स्थिति में पायलट को अमृतसर में विमान को मजबूरन उतारना पड़ा। अमृतसर में विमान उतरने के वक्त भारतीय सेना युद्ध टैंकों के साथ आतंकियों पर हमला करने को तैयारी में थी, जिन्होंने इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को हाईजैक कर लिया था। सरकार के पास भी हस्तक्षेप करने का मौका था, लेकिन सरकार की चुप्पी और सेना को आदेश न मिलने की वजह से अपहरणकर्ता विमान में इंधन भरवाए और वहां से निकल गए।

हमले को अंजाम देने वाली सेना का नेतृत्व कर रहे ब्रिग्रेडियर (रिटायर्ड) कुलदीप सिंह ने दावा किया कि जब इंधन की कमी की वजह से विमान अमृतसर में उतरा तो उस समय भारतीय सेना पूरी तरह तैयार थी। वह सिर्फ आदेश का इंतजार कर रहे थे। जब इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर लिया गया था, तब भारतीय सेना के ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह दिसंबर 1999 में अमृतसर में एक बख्तरबंद रेजिमेंट की कमान संभाल रहे थे। उन्होंने मेल टुडे में लिखे एक लेख के माध्यम से कहा कि वह उस समय अमृतसर में थे जब अपहरणकर्ताओं ने कुछ देर रुकने के बाद अमृतसर से विमान लेकर चले गए थे।

सिंह ने अपने लेख में लिखा, “मैं उस समय अमृतसर में एक बख्तरबंद रेजिमेंट की कमान संभाल रहा था। ठीक शाम 7 बजे, हमारे एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुझे फोन किया और बुलाया। मुझे एयरपोर्ट की तरफ कुछ टैंकों को तैनात करने और आगे के आदेश का इंतजार करने के लिए कहा गया। हम अभी भी कारगिल के बाद के अलर्ट पर थे और जल्द ही मेरे पास तीन टैंक (एक टुकड़ी) थे, जो हवाई अड्डे के लिए काफी थे। हवाई अड्डे के दक्षिण में एक नाले के पास एक क्रॉसिंग पॉइंट पर टैंक रुके और आदेशों का इंतजार करने लगे। हालांकि, कुछ मिनट बाद विमान लाहौर के लिए रवाना हो गया।”

नेपाल के काठमांडू से उड़ान भरने के बाद विमान हाइजैक कैसे हुआ, यह याद करते हुए, सिंह लिखते हैं कि शाम 7:51 बजे, विमान ने अमृतसर हवाई अड्डे से उड़ान भरी, “और यह ऑपरेशन बंद हो गया।” पाकिस्तान द्वारा अपहृत विमान को उतरने की के लिए जगह देने से इंकार करने के बाद आईसी 814 के पायलट को ईंधन की कमी की वजह से इसे अमृतसर में उतारा। सिंह लिखते हैं, “विमान शाम करीब 7:05 बजे अमृतसर में उतरा। इससे भारत सरकार को हस्तक्षेप करने का मौका मिला था। करीब 7:40 बजे, उस समय ऐसी खबर आने लगी कि अपहरणकर्ताओं ने यात्रियों को मारना शुरू कर दिया था। 7:51 मिनट पर विमान, जिसे अपहृत किए जाने के समय से सावधानीपूर्वक निगरानी की गई थी, अमृतसर से उड़ान भरी, और इस तरह से यह ऑपरेशन बंद हो गया।”

आर्मी ने विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिकों को भी अलर्ट पर रखा था। कुलदीप सिंह लिखते हैं, “नेशनल सिक्यॉरिटी गार्ड (NSG) के नहीं रहने की वजह से पंजाब पुलिस कमांडो के पूरी तरह से प्रशिक्षित जवानों को एयरपोर्ट के समीप सहयोग के लिए तैनात किया गया था।” सिंह आगे कहते हैं कि खुफिया सूचनाओं और स्पष्टता की कमी की वजह से हम सभी को सबसे खराब स्थिति का सामना करना पड़ा। वे यह भी कहते हैं, “यदि भारत सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया होता, यह देश के हित में अच्छा होता।”

कुलदीप सिंह ने बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों को वाजपेयी सरकार पर दबाव बनाने के लिए दोषी ठहराया और अपहरणकर्ताओं की मांग को कम करने को लेकर जो वार्ता चल रही थी, उसे नहीं होने का आरोप लगाया। बता दें कि कंधार हाईजैक के बाद तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को भारत की जेल से रिहा करने का फैसला किया था।