India Canada Relation: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पिछले कुछ महीनों से खालिस्तान समर्थकों के चलते बेपटरी हो गए हैं, उन्हें संभालने के प्रयास किए जाते हैं लेकिन फिर एक बवाल हो जाता है। कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने नारेबाजी की लेकिन ट्रूडो ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। विदेश मंत्रालय में कनाडाई उप उच्चायुक्त को तलब किया।
इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक को भारत विरोधी गतिविधियों को कार्यक्रम में लगातार जारी रखने की अनुमति पर भारत ने गहरी चिंता के साथ ही मजबूत विरोध भी जताया है।
जानकारी के मुताबिक रविवार को जस्टिन ट्रूडो टोरंटो में खालसा दिवस समारोह में शामिल हुए थे। कार्यक्रम के वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही ट्रूडो ने भीड़ को संबोधित करना शुरू किया, खालिस्तान समर्थकों ने नारे लगाने शुरु कर दिए।
भारत-कनाडा के रिश्ते हो रहे प्रभावित
भारतीय विदेश मत्रालय ने कहा है कि यह एक बार फिर उस राजनीतिक स्थान को दर्शाता है जो कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिया गया है। उनकी निरंतर अभिव्यक्तियां न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करती हैं, बल्कि कनाडा में अपने नागरिकों के नुकसान के लिए हिंसा और आपराधिकता के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं।
कार्यक्रम में क्या बोले थे जस्टिन ट्रूडो
बता दें कि ट्रूडो ने इस कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा था कि कनाडाई सरकार हर कीमत पर उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि इस देश भर में सिख विरासत के लगभग 800,000 कनाडाई लोगों के लिए हम आपके अधिकारों और आपकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे और हम हमेशा नफरत और भेदभाव के खिलाफ आपके समुदाय की रक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि जिस कार्यक्रम में ट्रूडो शामिल हुए थे, उसमें कंजर्वेटिव पार्टी के कई नेता भी शामिल हुए थे, जिन पर आरोप है कि वे भी पर्दे के पीछे से खालिस्तान का समर्थन करते रहे हैं।