जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर एम जगदेश ने नाराज छात्रों से आंदोलन छोड़ने की अपील की है। उन्होंने खुली चिट्ठी लिखकर छात्रों से कहा है कि वह यूनिवर्सिटी को लर्निंग आईलेंड बनाने में मदद करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह का बातचीत ‘जबरदस्ती और अवैध तरीकों से तय नहीं किया जा सकती है।’

उन्होंने चिट्ठी में लिखा ‘यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम जेएनयू को बेहतर बनाने के लिए काम करें। हम कुछ ऐसा करें जिससे जेएनयू की ग्लोबल स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़े। इसके लिए जरूरी है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में शांति और स्थितियां सामान्य हो। ऐसे में हमें इस मिशन के लिए अपना बेस्ट देना होगा जिससे यूनिवर्सिटी को लर्निंग आईलेंड बनाने में मदद मिलेगी।’

बता दें कि जेएनयू के छात्र फीस बढ़ोतरी और अन्य सुविधाओं के लिए लिए जाने वाले चार्ज में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, कुछ मामलों में फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया गया है  लेकिन इसके बावजूद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि जब तक पहले जैसा फीस स्ट्रक्चर नहीं हो जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। छात्रों के विरोध के बाद जेएनयू ने फीस वृद्धि को आंशिक रूप से वापस लेने की घोषणा की लेकिन छात्रों ने इसे आंखों में धूल झोंकने जैसा बताया।

जेएनयू की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईब्ल्यूएस) के पात्र छात्रों के लिये एक बेड वाले कमरे का किराया आंशिक रूप से वापस लेते हुए 300 रूपया कर दिया गया है जिसे पहले 20 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रूपया कर दिया गया था । दो बेड वाले कमरे का किराया अब कम करके 150 रूपया किया गया है जिसे पहले 10 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये प्रति माह किया गया था।