जम्मू-कश्मीर अलगाववादियों की ओर से किए गए चुनाव बहिष्कार की अपील को मंगलवार को लोगों ने खारिज कर दिया। इसका नतीजा यह रहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड 71.28 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य की 15 विधानसभा क्षेत्रों में बिना किसी अप्रिय घटना के मतदान संपन्न हुआ। वहीं झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में करीब 62 फीसद मतदान हुआ।

जम्मू-कश्मीर में साल 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन 15 सीटों पर 61.23 फीसद मतदान दर्ज किया गया था। इन सीटों में छह जम्मू, पांच कश्मीर घाटी और चार लद्दाख में हैं। दिल्ली में उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने बताया,‘मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। शत-फीसद त्रुटिहीन मतदान हुआ। चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने वाली एक भी घटना नहीं हुई।’

विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य की 15 विधानसभा क्षेत्रों में बिना किसी अप्रिय घटना के मतदान संपन्न हुआ।

 

कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को बड़ा झटका देते हुए हुए मतदान केंद्रों पर हजारों मतदाता कतार में लगे थे। आज करीब 10.52 लाख मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार था। हुर्रियत कांफ्रेंस के सभी धड़ों और जेकेएलएफ जैसे अलगाववादी संगठनों ने चुनाव बहिष्कार की अपील की थी। राज्य में 15 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए हुए मतदान में सात मंत्रियों समेत कुल 123 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

कश्मीर घाटी के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से गांदरबल जिले की दो सीटों पर रिकॉर्ड 68 फीसद मतदान हुआ। 2008 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान फीसद में 13 फीसद का इजाफा हुआ है। बांदीपुरा जिले की शेष तीन सीटों पर रिकॉर्ड 70.30 फीसद मतदान दर्ज किया गया। इसमें पिछले चुनाव के मुकाबले 11 फीसद इजाफा हुआ है। कश्मीर घाटी में सोनावरी विधानसभा क्षेत्र में 80.10 फीसद मतदान हुआ।

जम्मू-कश्मीर में साल 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन 15 सीटों पर 61.23 फीसद मतदान दर्ज किया गया था।

 

जम्मू क्षेत्र की छह सीटों में से डोडा जिले की दो सीटों में 76 फीसद मतदान हुआ। वहीं किश्तवाड़ और रामबन जिलों की चार सीटों पर मतदान का फीसद 70 रहा। डोडा जिले में मतदान में आठ फीसद का इजाफा हुआ है। रामबन जिले में करीब चार फीसद मतदान वृद्धि हुई है। लेकिन किश्तवाड़ जिले में मतदान में तीन फीसद की कमी दर्ज की गई है। लद्दाख क्षेत्र की चार विधानसभा सीटों में मतदान फीसद में कमी देखी गई जहां सामान्यत: अधिक संख्या में मतदाता वोट डालने निकलते हैं। लेह जिले की दो सीटों में 57 फीसद मतदान हुआ जो 2008 के विधानसभा चुनाव में हुए 61.88 फीसद मतदान से कम है। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में 68.23 फीसद मतदान दर्ज किया गया था। करगिल जिले में 59 फीसद मतदाताओं ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया जबकि 2008 के चुनाव में 72.90 फीसद लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे।

कश्मीर घाटी में सोनावरी विधानसभा क्षेत्र में 80.10 फीसद मतदान हुआ।

 

मंगलवार को सुबह की ठिठुरन वाली सर्दी और कोहरे ने मतदाताओं को हतोत्साहित नहीं किया। मतदान शुरू होने के समय से करीब एक घंटे पहले ही मतदान केंद्रों पर भीड़ लगने लगी। कई मतदान केंद्रों पर मतदान का समय बढ़ा दिया गया ताकि अंदर पहुंच चुके लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।

उधर, झारखंड की 13 विधानसभा सीटों पर 61.92 फीसदी मतदान दर्ज किया गया और माओवाद प्रभावित इस राज्य में पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा,‘मत फीसद में बाद में बढ़ोतरी हो सकती है।’