पाकिस्तान ने सोमवार को सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित चौकियों और असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए दोबारा मोर्टार से भारी गोलाबारी की। इसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गई। बीएसएफ भी इसका करारा जवाब दे रही है।
दोनों जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई अग्रिम सीमा चौकियों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने से सीमाई गांवों के निवासियों में दहशत फैल गई है। सांबा और कठुआ जिलों में सीमा से लगे क्षेत्रों में हालात बहुत गंभीर हैं। भारी गोलाबारी फिर से शुरू होने के बाद सांबा और कठुआ जिलों में सीमावर्ती इलाकों से 7,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
जिला प्रशासन ने ऐसे आश्रय स्थल बनाए हैं जहां संघर्षविराम के उल्लंघन के कारण अपने घरों को छोड़ने वालों को जगह दी जा रही है। कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि 4,300 से अधिक लोग अस्थायी आश्रय स्थलों में पहुंचे हैं। अब तक हमारे यहां शिविरों में 4,300 से अधिक लोगों ने शरण ली है। सांबा जिले में भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकोंं में यही हालात हैं।
यहां 3,100 से अधिक लोगों ने अस्थायी आश्रय स्थलों में शरण ली है। सेना भी सीमावर्ती इलाकों के निवासियों की सहूलियत के लिए वाहन मुहैया करा रही है। रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने कहा कि लोगों को सीमा से लगे अपने गांवों से बाहर निकलने के लिए सेना ने वाहन मुहैया कराए हैं।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी रेंजर्स के जवानों ने दोपहर करीब दो बजे सांबा और कठुआ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा चौकियों और असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर मोर्टार से भारी गोलाबारी की।
इसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया। शहीद सैनिक की पहचान कांस्टेबल देवेंद्र कुमार के रूप में हुई है। वह सांबा सेक्टर के खोरा सीमा चौकी पर तैनात था। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा प्रहरी करारा जवाब दे रहे हैं। उन्हें जो भाषा समझ में आती है, हम उसी भाषा में उन्हें जवाब दे रहे हैं।
जम्मू के रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने कहा कि जम्मू के सांबा, हीरानगर और कठुआ सेक्टरों में पिछले दो दिनों से पाकिस्तानी सेना की लगातार गोलीबारी से सीमावर्ती इलाके में ढेरों ग्रामीण बेघर हो गए हैं।
नागरिक प्रशासन ने सीमावर्ती गांवों के लोगों को जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिए हरकत में आते हुए राहत शिविर स्थापित किए। भारतीय सेना भी अपने नागरिकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित कर रही है। सेना ने जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराने के साथ ही वहां अपने बम निष्क्रिय दस्ते तैनात किए हैं ताकि नहीं फटे मोर्टार शेल को निष्क्रिय किया जा सके।