आतंकी बुरहान मुजफ्फर वानी के मारे जाने के बाद शनिवार (9 जुलाई) को घाटी में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा और विरोध प्रदर्शन में 16 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा घायल हो गए। इसके साथ ही 3 पुलिसवाले अबतक लापता हैं। सभी मौतें दक्षिणी कश्मीर में हुई हैं, जबकि उधर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में हिंसक भीड़ ने एक पुलिस की गाड़ी को झेलम नदी में धकेल दिया, जिससे एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई। समाचार एजंसी एएनआई के हवाले यह खबर आई है। जख्मी लोगों में से 50 के गोलियां लगी हैं। इसके बावजूद विरोध लगातार जारी है। अलगाववादी नेताओं के बंद बुलाए जाने के बाद लोग इस विरोध प्रदर्शन में और बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उधर, गृह मंत्रालय ने खबर दी है कि शुक्रवार को रोकी गई अमरनाथ यात्रा एक बार फिर शुरू की गई है।
हिंसा और विरोध कर रही भीड़ ने 15 पुलिस चोकियों, तीन थाने के साथ ही 6 पुलिसवालों और CRPF के कैंप्स को भी निशाना बनाया। इसके साथ ही यात्रियों के लिए बना एक कैंप, राष्ट्रीय राइफल कैंप और 20 से ज्यादा सरकारी बिल्डिंग्स को भी निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी सहाय ने बताया, ‘भीड़ ने D H Pora में पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। उन्होंने पुलिस के हथियार लूट लिए और थाने में आग लगा दी।’
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IGP गिलानी के मुताबिक, 20 से ज्यादा पुलिसवालों को बंधक बना लिया गया था और लूटी हुई बंदूकों से उनपर भी गोलियां चलाई गई थीं।
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नेताओं के घर को भी बनाया निशाना: भीड़ ने कुलगाम जिले में बीजेपी नेता के घर पर भी आगजनी की। इसके साथ ही पीडीपी से विधायक अब्दुल रहीम के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया। कश्मीरी पंडितों के घर को भी तोड़ा गया है।
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बीजेपी से गठबंधन का हो रहा पीडीपी को नुकसान ? पीडीपी के एक सीनियर नेता ने संडे एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की कश्मीर घाटी में अच्छी पकड़ थी। लेकिन अब बीजेपी के साथ सत्ता में आने की वजह से पार्टी की इमेज को धक्का लगा है।