झारखंड के चुनाव में इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प देखने को मिल रहा है। कई ऐसी सीटें हैं जहां पर मार्जिन काफी कम रहा है, माना जा रहा है कि वहीं सीटें इस बार सत्ता का रुख तय करने वाली हैं। झारखंट की राजनीति को लेकर एक चीज कॉमन रही है, यहां पर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाता है। जब से इस राज्य का गठन हुआ है, स्थिति की जस की तस बनी हुई है।
झारखंड चुनाव: कम मार्जिन वाली सीटें
अब जिन राज्यों में कम सीटें रहती हैं और मुकाबला भी कड़ा होता है, वहां कम मार्जिन वाली सीटें ही हार-जीत तय करती हैं। पिछली बार झारखंड की 9 ऐसी ही कम मार्जिन वाली सीटों पर बीजेपी का पलड़ा भारी रहा है। जिन 9 सीटों पर जीत का अंतर कम रहा है, वो इस प्रकार हैं- देवघर, गोड्डा, कोडरमा, मांडू, बाघमारा, जरमुंडी, सिमडेगा, नाला और जामा। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 5 सीटें जीती थीं, जेएमएम और कांग्रेस के खाते में 2 सीटें गई थीं। बड़ी बात यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी विधानसभा की 9 में से 8 सीटों पर आगे रही, ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन को अपनी रणनीति पर काम करना पड़ेगा।
पिछले चुनाव का ट्रेंड समझिए
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इन 9 सीटों पर औसत जीत का मार्जिन सिर्फ 2349 वोट रहा था, वहां भी सिमडेगा में तो हार-जीत का फैसला 285 वोटों से हुआ। वही उन 9 सीटों में से 4 सीटें ऐसी भी सामने आईं जहां पर बीजेपी दूसरे पायदान पर रही, अगर थोड़ा और समीकरण बदलता तो पार्टी जीत भी दर्ज कर सकती थी। 2019 के चुनाव में 14 ऐसी सीटें भी सामने आई थीं जहां पर जीत का अंतर 5000 वोटों से कम का था। यहां जेएमएम ने पांच सीटें जीती थीं, कांग्रेस के खाते में भी तीन गईं। बीजेपी को सिर्फ पांच मिल पाईं और सत्ता से वो दूर हो गई।
2014 में क्या थी स्थिति?
दिलचस्प बात यह है कि 2014 में इन्हीं सीटों पर बीजेपी का पलड़ा भारी था, तब इन 19 सीटों पर जीत का अंतर 2100 वोट रहा था, बीजेपी ने सात सीटें अपने नाम की थीं, तब जेएमएम, कांग्रेस, एनएसएम को एक-एक सीट सें संतोष करना पड़ा था। मतलब साफ है- इन कम मार्जिन वाली सीटों पर जो अच्छा प्रदर्शन करता है, सत्ता पर काबिज होने की उसकी संभावना भी उतनी ज्यादा ही बढ़ जाती है।
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झारखंड का चुनावी शेड्यूल
झारखंड में 81 सीटों पर 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होने जा रही है, 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। पिछली बार के नतीजों की बात करें तो जेएमएम-कांग्रेस के गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार फिर मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी और जेएमएम के बीच रहने वाला है। दोनों ही दलों ने सीट ऐलान कर दिया है।