पिछले महीने हुए महाराष्ट्र विधानसभा बिहार में हुए उपचुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। बिहार में पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में एआईएमआईएम ने किशनगंज सीट पर जीत हासिल की है तो वहीं महाराष्ट्र में भी पार्टी ने दो नई जगहों पर जीत हासिल की है। हालांकि दो सीटों पर एआईएमआईएम के विधायक हार गए। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र की कुल 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।

बहरहाल इन दो राज्यों में मिली जीत के बाद एआईएमआईएम की नजर अब झारखंड विधानसभा चुनाव पर है। झारखंड की दर्जनभर मुस्लिम बहुल असेंबली सीटों पर पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नजर गड़ाए बैठे हैं। इस सिलसिले में ओवैसी रांची का दौरा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि राज्य की कुल 81 सीटों में से ओवैसी ऐसी 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं जहां पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है।

अगर ऐसा होता है तो यह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। एआईएमआईएम दोनों दलों के गठबंधन का सियासी समीकरण बिगाड़ सकती है। विपक्ष में बैठी जेएमएम-कांग्रेस के सत्ता में वापसी के सपने को भी धक्का लग सकता है। ओवैसी पहले ही एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी झारखंड में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार (1 नवंबर 2019) को झारखंड में चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। आयोग ने बताया कि राज्य में कुल पांच चरणों में चुनाव होंगे। 23 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों मे चुनाव होना है। इस घोषणा के बाद विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। 2014 में हुए चुनाव में राज्य की 81 सीटों में बीजेपी ने सबसे अधिक 35 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी।