आय से अधिक सपत्ति के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद जयललिता ने इसे न्याय की जीत बताया। कर्नाटक 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में आज अन्नाद्रुमक प्रमुख जयललिता को बरी कर दिया।

आज हाईकोर्ट से बरी होने के बाद जयललिता ने कहा, “मैं इसे व्यक्तिगत जीत नहीं मानती, न्याय की जीत हुई है, धर्म की जीत हुई है।”

द्रमुक पर निशाना साधते हुए जयललिता ने आरोप लगाया कि यह मामला उस पार्टी की ‘‘साजिश के जाल’’ के तहत उनके खिलाफ दायर किया गया था।

उन्होंने उसी तरह से जनता के कल्याण के लिए काम करते रहने का संकल्प लिया जैसे वह हमेशा से करती आई हैं क्योंकि जनता का कल्याण उनका कल्याण है।

द्रमुक पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए जयललिता ने कहा कि राजनीतिक दुश्मनों द्वारा साजिशें की गईं क्योंकि उनके तथा अन्नाद्रमुक के खिलाफ सीधी तरह से जीतना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि उन्हें (राजनीतिक दुश्मन) अन्नाद्रमुक को नुकसान पहुंचाने के प्रयास छोड़ देने चाहिए। पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं मेरे लिए प्रार्थना करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता का तहेदिल से धन्यवाद देती हूं।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता ने उनके दोषी नहीं होने का भरोसा कभी नहीं खोया। बीते वर्ष 27 सितंबर के निचली अदालत के उन्हें दोषी ठहराने के फैसले के बाद अन्नाद्रमुक के 233 कार्यकर्ताओं की खुदकुशी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनके लिए मौत हमेशा से पीड़ा की वजह रही है।