जम्मू-कश्मीर के चुनाव में एक बड़ा सियासी खेल देखने को मिल गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस को चार निर्दलीयों का समर्थन हासिल हो गया है। उस समर्थन की वजह से अब बिना कांग्रेस के नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास जम्मू-कश्मीर में पूर्ण बहुमत हासिल हो गया है। यह मायने रखता है क्योंकि अभी तक तो कम सीटें जीतकर भी कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर सरकार में कुछ हिस्सेदारी रहने वाली थी, लेकिन अब वैसा नहीं होगा।
कांग्रेस के साथ जम्मू-कश्मीर में खेल?
जानकारी के लिए बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को प्यारे लाल शर्मा, सतीश शर्मा, चौधरी मोहम्मद अकरम, रामेश्वर सिंह का समर्थन हासिल हुआ है। इन चारों निर्दलीयों ने ऐलान कर दिया है कि वे एनसी सरकार का समर्थन करने वाले हैं। उस समर्थन की वजह से अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास अपने दम पर 46 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है। यानी कि बिना कांग्रेस के भी उन्हें पूर्ण बहुमत मिल गया है।
कांग्रेस को ऐसे ही तेवर नहीं दिखा रहे ‘इंडिया वाले’
उमर क्यों लेंगे राहत की सांस?
अब उमर अब्दुल्ला को कांग्रेस पर ज्यादा निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी, अगर सरकार चलाने में ज्यादा दिक्कत आई तो उसे आउट भी किया जा सकता है। यह स्थिति ही देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए अब चिंता का सबब बनने वाली है क्योंकि इस समय वैसे भी वो जम्मू-कश्मीर में छोटे भाई की भूमिका में है। अगर वो रोल भी खत्म हो गया तो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के लिए अस्तित्व का सवाल खड़ा हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर चुनाव के नतीजे
इस बार के नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने 29 सीटें जीती हैं, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को 48 सीटें मिली हैं। अभी एलजी को भी पांच विधायकों को नॉमिनेट करना है, ऐसे में तब विधानसभा की तस्वीर थोड़ी और बदल सकती है।