Jammu-Kashmir Assembly Election Results 2024: जम्मू कश्मीर में कई सालों बाद फिर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव को लेकर जनता में भी अलग ही तरह का उत्साह है। कई ऐसी सीटें हैं जहां पर कड़ा और तगड़ा मुकाबला देखने को मिलने वाला है। ऐसी ही एक सीट है डोडा। यह सीट जम्मू संभाग में पड़ती है और मुस्लिम बाहुल मानी जाती है। समझने वाली बात यह है कि परिसीमन के बाद अब डोडा विधानसभा सीट को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। एक सीट अगर डोडा पश्चिम के नाम से जानी जाती है तो दूसरी सीट का नाम डोडा है। यहां बात अगर हम डोडा सीट की करें तो यहां पर मुस्लिम वोटिंग निर्णायक माना जाता है।

कांग्रेस-एनसी दोनों ने उतार दिए उम्मीदवार

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने डोडा सीट अपने नाम की थी। लेकिन इस बार के चुनाव में डोडा सीट पर एक दिलचस्प समीकरण देखने को मिलने वाला है। वैसे तो कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच में गठबंधन हुआ है, लेकिन इस सीट पर दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। एक तरफ अगर कांग्रेस की तरफ से डोडा सीट से शेख रियाज को टिकट दिया गया है तो नेशनल कांफ्रेंस ने खालिद नजीब सुहरवर्दी पर भरोसा जताया है।

पार्टीनामवोट
बीजेपीशक्ति राज24,572
कांग्रेसअब्दुल वाजिद वानी20,532

डोडा सीट का इतिहास

इस सीट का इतिहास बताते है कि यहां पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है, 1997 में हुए उपचुनाव में सुहरावर्दी ने ही यह सीट अपने नाम की थी। इसके बाद वानी 2002 और फिर 2008 में कांग्रेस की टिकट पर इस सीट से जीत गए थे। लेकिन 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में डोडा सीट ने अपना मिजाज बदला था और बीजेपी के शक्ति परिहर यहां से जीत गए थे। अब इस बार बीजेपी ने इस सीट से गजय सिंह राणा को उतार रखा है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा पीडीपी के मंसूर अहमद बट्ट भी चुनावी मैदान में खड़े हैं। जानकार मानते हैं कि कांग्रेस और एनसी दोनों का प्रत्याशी उतार देना बीजेपी को इस सीट पर कुछ फायदा दे सकता है।

एक्स फैक्टर गुलाम नबी आजाद?

वैसे डोडा सीट पर गुलाम नबी आजाद का फैक्टर भी अहम माना जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र में जो विकास हुआ है, उसमें आजाद की भी अहम भूमिका रही है। सीएम रहते वक्त भी उन्होंने इस क्षेत्र का खास ध्यान रखा था। इसी वजह से उनकी पार्टी की तरफ से अब्दुल माजिद वानी भी इस सीट से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।