जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजे भी इस बार हर मायने में अप्रत्याशित माने जाएंगे। कई सालों बाद पहले तो यहां चुनाव हुए, यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया, इसके ऊपर इस बार मतदान के दौरान किसी तरह की हिंसा नहीं हुई, लोग खौफ के सांय में दिखाई नहीं दिए, इसने भी बदलते माहौल पर मुहर लगाई। लेकिन जम्मू-कश्मीर की जनता का जो जनादेश आया है, वहां भी एक माहौल साफ समझ आ रहा है।

इस चुनाव के नतीजे बताते हैं कि जनता को बीजेपी का मुस्लिम कार्ड बिल्कुल भी रास नहीं आया है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कांग्रेस के हिंदुत्व को भी सिरे से खारिज कर दिया है। दूसरे शब्दों में कहें तो कांग्रेस के जम्मू में उतारे गए सभी हिंदू प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं, वहीं बीजेपी ने जिन मुस्लिम चेहरों पर दांव चला था, उन्हें भी करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है।

पहले नजर बीजेपी के उन मुस्लिम प्रत्याशियों पर डालते हैं जिनकी इस चुनाव में एक नहीं चली और हार उन्हें ऐसी मिली कि किसी को शायद बता भी ना पाएं।

सीटबीजेपी नेतावोट
पंपोरसईद शौकत957
राजपोराअरशीद भट्ट5584
अनंतनाग वेस्टमोहम्मद राफिक6574
अनंतनागसईद वजाघट1508
श्री गुफवारा बिजबेहसोफी यूसफ3716
अनंतनाग ईस्टवीर सरफ1988
इंद्रवालतारिक कीन9550
बनिहालसलीम भट्ट6285
गुलाबगढ़मोहम्मद अकरम12215
बुधलचौधरी जुलफिकार23135
थानामंडीमोहम्मद इकबाल26466
सुरनकोटसईद मुस्ताक23773
पूंछ हवेलीचौधरी अब्दुल20928
मेंधरमुरतजा खान17270
लाल चौकएजाज हुसैन3281
ईदगाहआरिफ राजा479
खान साहिबअली मोहम्मद मीर1605
चन्नापोराहिलाल अहमद722
करनाहमोहम्मद ईद्रीस2973
हंदवारागुलाम मोहम्मद मीर1750
बंदीपोरानसीर अहमद1196
शोपियांजावेद अहमद कादरी6895

घाटी में मुस्लिम जीते, लेकिन बीजेपी वाले नहीं!

अब यहां भी तीन सीटें ऐसी रही हैं जहां बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी को 1000 से भी कम वोट मिले हैं। उदाहरण के लिए पार्टी को पंंपोर में 957 वोट हासिल हुए, इसी तरह ईदगाह में मात्र 479 वोट मिले। चन्नापोरा में भी बीजेपी की हालत काफी खराब रही और उसके मुस्लिम प्रत्याशी को 722 वोट ही मिल पाए। यह बताने के लिए काफी है कि बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी सिर्फ हारे नहीं है बल्कि उन्हें जम्मू-कश्मीर की जनता ने सिरे से नकार दिया है। बड़ी बात यह है कि यहां भी ज्यादातर मुस्लिम प्रत्याशी कश्मीर घाटी में उतारे गए थे, ऐसे में वहां तो पार्टी का दांव पूरी तरह उल्टा साबित हुआ है।

लोकसभा में ‘पिछड़ों’ ने पछाड़ा, आंकड़े बता रहे बीजेपी ने हरियाणा में कैसे किया जबरदस्त कमबैक

बीजेपी नहीं निकल पा रही ‘हिंदूवादी’ छवि से बाहर

अगर इस ट्रेंड का विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि बीजेपी आज भी अपनी हिंदूवादी छवि से बाहर नहीं निकल पाई है, जम्मू-कश्मीर के परिपेक्ष में तो ऐसा जरूर कहा जा सकता है। तभी तो मुस्लिम बाहुल कश्मीर में उसके मुस्लिम प्रत्याशी बुरी तरह हार गए हैं, कुछ की जमानत भी जब्त हुई है। बीजेपी को हरियाणा में झटका लगा क्योंकि वहां उसके द्वारा उतारे गए सिर्फ दो मुस्लिम प्रत्याशी भी बुरी तरह हार गए। ऐसे में अभी के लिए मुस्लिमों के मन में बीजेपी के लिए वो विश्वास पैदा नहीं हो पा रहा है जिसकी कोशिश पीएम मोदी पिछले कई सालों से कर रहे हैं।

अब यह बात तो बीजेपी की हुई, लेकिन अगर कांग्रेस को देखें तो उसका हाल और बुरा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस को थोड़ा मजबूत माना जाता है, उसी वजह से नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने कोटे की कई सीटें भी कांग्रेस को देने का काम किया था। लेकिन जम्मू में कांग्रेस का एक तरह से सफाया हुआ है, वहां भी उसके सारे हिंदू प्रत्याशी बुरी तरह हार गए हैं। इस टेबल पर नजर डालें, खुद पता चल जाएगा कि जम्मू की जनता ने कैसे कांग्रेस के हिंदुत्व को भी खारिज कर दिया है।

सीटकांग्रेस नेतावोट
डोडा पश्चिमप्रदीप कुमार भगत30511
श्री माता वैष्णो देवीभूपेन्द्र जम्वाल5655
उधमपुर पश्चिमसमिट मंगोत्रा26412
रामनगर (एससी)मूल राज7800
बानीकाजल राजपूत1970
बिलावरडॉ. मनोहर लाल शर्मा23261
बसोहलीलाल सिंह15840
जसरोटाठाकुर बलबीर सिंह3219
हीरानगरराकेश चौधरी जाट28127
जम्मू पूर्वयोगेश साहनी24475
नगरोटाबलबीर सिंह5979
जम्मू पश्चिमठाकुर मनमोहन सिंह19836
मढ़मूला राम19477
सुचेतगढ़बुशन डोगरा28161
अखनूरअशोक भगत25248
छंबतारा चंद16449
रामगढ़यशपाल कुंडल21470
सांबाकृष्ण देव सिंह3628
बिश्नाहनीरज कुंदन37808
आर.एस. पुरा जम्मू दक्षिणरमन भल्ला41351

मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप, कांग्रेस के हिंदू नेताओं को नुकसान

अब बिल्कुल सरल शब्दों में कहें तो कांग्रेस ने अकेले जम्मू क्षेत्र में 21 हिंदू प्रत्याशियों को मौका दिया था और सभी चुनाव हार गए। यानी कि जिस तरह से बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं किया गया, कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवारों को भी झटका लगा। कांग्रेस को लेकर भी एक धारणा बन चुकी है कि वो मुस्लिमों को ज्यादा तवज्जो देती है। पार्टी खुद शायद इससे इनकार करे, लेकिन उसके नेताओं के बयान, बीजेपी का नेरेटिव उसे मुश्किल में डाल देता है। अब जम्मू-कश्मीर के नतीजे तो बता रहे हैं कि जनता ने भी कांग्रेस के ‘हिंदुत्व’ को भरोसे लायक नहीं पाया है।