कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने सोमवार को अपनी ही पार्टी के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। राज्य सभा सांसद जयराम रमेश ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था, “कांग्रेस पार्टी बहुत गंभीर संकट से गुजर रही है। पार्टी 1996 से 2004 तक चुनावी संकट से गुजरी थी जब वो सत्ता से बाहर थी। पार्टी 1977 में भी चुनावी संकट में फंस गई थी जब वो आपातकाल के बाद चुनाव हार गई थी।” लेकिन जयराम रमेश के अनुसार अब कांग्रेस का संकट पिछले संकटों की तुलमा में काफी अलग है। अपने इस बयान को लेकर रमेश सोशल मीडिया पर घिर चुके हैं। कई पत्रकारों ने उनके इस बयान को लेकर सवाल उठाए कि वह(रमेश) भी 10 साल तक पार्टी के एडवाइजर थे और इस दुर्गति के लिए क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती?

पत्रकार स्वाती चतुर्वेदी ने अपने ट्विट के जरिए पूछा, “जयराम 13 साल तक राज्य सभा में रहे, 5 साल तक कैबिनेट में रहे और चुनावों के लिए पार्टी के रणनीतिकार भी रहे। क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं।” अपने दूसरे ट्वीट में स्वाती लिखती हैं, “जयराम ‘सल्तनत’ के सदस्य तभी तक थे जब तक वह अच्छी स्थिति में थी! सल्तनत अब डूब रही है।” वहीं वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी रमेश के बयान पर उनके रिटायर होने की बात कहकर चुटकी ली है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “जयराम रमेश ‘सत्य-वचन!’ वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम ले रहे हैं?”

वहीं पत्रकार सागरिका घोष ने भी स्वाती चतुर्वेदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रमेश पर चुटकी ली। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “LOL, जयराम कांग्रेस के लिए एक वोट नहीं जीत सकते और न ही चुनाव लड़ सकते हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं की शाह और मोदी कांग्रेस को नाश्ते की तरह खा रहे हैं!”