सरकार द्वारा चलाई गई ‘आय घोषणा योजना (आईडीएस)’ के तहत काले धन का खुलासा होने के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। विवाद इतना बढ़ गया कि आंध्र के दो बड़े नेताओं ने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। दोनों नेता इशारों में एक दूसरे को ‘टैक्स चोर’ बता रहे हैं। इस विवाद में एक तरफ आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू हैं और दूसरी तरफ विपक्ष के नेता जगन रेड्डी। दरअसल, यह विवाद चंद्रबाबू के एक बयान के बाद हुआ है। चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया था कि हैदराबाद में घोषित 13 हजार करोड़ रुपए के काले धन में से 10 हजार करोड़ रुपए एक ही व्यक्ति का है।
सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम के तहत किसी दूसरे शख्स को पता नहीं लग सकता कि किसने कितना रूपयों का खुलासा किया। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह दावा कई लोगों को अजीब लगा। इसपर YSR कांग्रेस के प्रमुख रेड्डी ने कहा चंद्रबाबू नायडू ने ऐसा बयान उनपर उंगली उठवाने के लिए दिया है। रेड्डी ने पीएम को लिखे अपने पत्र में लिखा, ‘यह सूचना चंद्रबाबू नायडू तक कैसे पहुंची? अगर यह सच है तो जिस शख्स ने पैसों का खुलासा किया है वह जरूर चंद्रबाबू नायडू का ‘बेनामी’ जानने वाला होगा। वर्ना वह इतना सटीक अंदाजा कैसे लगाते।’
वीडियो: स्पीड न्यूज
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गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान रेड्डी ने जब अपनी संपत्ति का खुलासा किया था तो उससे पता लगा था कि वह सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं। उन्होंने 416 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की बात कबूली थी। हालांकि, बाद में ED ने उनके कई ठिकानों पर छापे मारे थे जिसमें 2,500 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ था।उनकी 7.85 करोड़ की संपत्ति कुर्क भी की गई थी।
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भारत सरकार ने लोगों को काले धन का खुलासा करने का मौके दिया था। उसमें कुल 65,250 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा हुआ था। इससे कर और जुर्माने के तौर पर सरकार को 29,362 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।

