कनाडा ने 8 नवंबर से अपने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) प्रोग्राम को अचानक समाप्त कर दिया है। इस प्रोसेस से  बहुत जल्द स्टडी परमिट हासिल हो जाता था और अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जल्द वीजा हासिल करने में मदद मिल रही थी। SDS प्रोग्राम 2018 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत, चीन और फिलीपींस सहित 14 देशों के छात्रों के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना था। 

छात्रों को हो रही थी आसानी 

SDS के लिए आवेदकों को $20,635 CAD मूल्य का कनाडाई गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (GIC) और अंग्रेजी या फ्रेंच भाषा टेस्ट स्कोर शामिल रखना होता है।  SDS के प्रोसेस से सफल आवेदकों को कुछ ही हफ्तों में स्टडी परमिट मिल जाता था। जबकि अक्सर परमिट मिलने में आठ सप्ताह तक वक़्त लगता है। इसलिए यह इंटरनेशनल छात्रों के लिए काफी अहम प्रोसेस था।

क्यों किया गया समाप्त?

एसडीएस को खत्म करने का जो कारण सामने आ रहा है, वह कनाडा में आवास और संसाधनों की कमी, अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी को कंट्रोल करने की कोशिश की ओर इशारा करता है। 2024 की नीतिगत बदलावों के तहत कनाडा सरकार ने 2025 के लिए 437,000 नए अध्ययन परमिट की सीमा तय की है, जिसमें स्नातकोत्तर कार्यक्रमों सहित शिक्षा के सभी स्तर शामिल हैं। नए नियमों के तहत प्रोसेस को और ज़्यादा कठिन किया गया है। इन नियमों के रहते अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अब लंबे समय तक प्रतीक्षा करने और उच्च पात्रता मानकों का सामना करना पड़ता है। ऐसे छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि वह बहुत पहले से ही अप्लाई कर दें और हर तरह के नियम को फॉलो करते हुए अपने दस्तावेज़ तैयार रखें।

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भारत और कनाडा के बीच जारी है तनाव

खालिस्तान से जुड़े मुद्दे पर कनाडा और भारत के बीच तल्खियां काफी बढ़ गई हैं। दोनों ही देशों के विदेश मंत्रालयों ने एक दूसरे को लेकर सख्त बयानी भी की है। ऐसे में कनाडा सरकार के ऐसे फैसलों को इससे जोड़कर देखा जा सकता है,लेकिन ऐसा ही यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है। इसके कई और भी कारण हो सकते हैं।