ISRO Satellite: इसरो ने 7 अगस्त, रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से नया रॉकेट(SSLV) लॉन्च किया। इस स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल(SSLV) में EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स भी भेजे गए। बता दें कि सफल लॉन्चिंग और दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचाने के बाद रॉकेट अलग हो गया। इसके बाद सैटेलाइट्स से सेंटर्स को डेटा मिलना बंद हो गया। ऐसे में इस प्रोजेक्ट पर खतरा मंडरा रहा है।

संपर्क टूटने को लेकर ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि मिशन कंट्रोल सेंटर इसरो लगातार डेटा लिंक प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। जैसे ही लिंक स्थापित होगी, हम देश को सूचित करेंगे। वहीं एक ट्वीट में इसरो ने जानकारी दी, “एसएसएलवी की पहली उड़ान पूरी हो गई है। जैसी उम्मीद थी, उसी के मुताबिक सभी चरणों का प्रदर्शन रहा। लेकिन टर्मिनल चरण के दौरान डेटा मिलना बंद हुआ है। इसका विश्लेषण किया जा रहा है। जल्द ही अपडेट किया जाएगा।”

इसरो के वैज्ञानिक और इंजीनियर मौजूदा परिस्थिति में यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या 120 टन वजन का छोटा एसएसएलवी दो उपग्रहों को स्थिर कक्षा में स्थापित करने में सक्षम था। फिलहाल जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता, तब तक मिशन को सफल घोषित नहीं किया जा सकता है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि पहले, दूसरे और तीसरे चरण ने ठीक प्रदर्शन रहा पर टर्मिनल चरण में कुछ डेटा लॉस हुआ। इसपर हमारी नजर है।

बता दें कि एसएसएलवी की लंबाई 34 मीटर है, इसका व्यास 6.7 फीट है और इसका कुल वजन 120 टन है। SSLV अपने साथ लॉन्चिंग के दौरान EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स ले गया जिसे ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ की छात्र टीम द्वारा विकसित किया गया है।

“AzaadiSAT” को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 750 स्कूली छात्रों द्वारा निर्मित किया गया है। उपग्रह को डिजाइन करने वाली छात्राओं ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट में एसएसएलवी-डी1 की लॉन्चिंग के दौरान मौजूद रहीं।