दुनिया एक और युद्ध की मुहाने पर खड़ी है, किसी ने नहीं सोचा था कि इजरायल-हमास युद्ध के बीच अब इजरायल और लेबनान युद्ध की शुरुआत भी हो जाएगी। अभी तक किसी भी तरफ से इसे युद्ध नहीं बताया जा रहा है, लेकिन जैसे हालात बन रहे हैं, जिस तरह से रॉकेट दागे जा रहे हैं, जिस तरहे लोगों की मौतें हो रही हैं, जानकार मानते हैं कि एक और जंग दस्तक दे चुकी है। अब जंग तो लेबनान और इजरायल के बीच में चल रही है, लेकिन 3816 किलोमीटर दूर बैठे भारत को टेंशन सता रही है, उसको भी एक बड़े आर्थिक झटके की संभावना नजर आ रही है।

अब इस समय सभी के मन में सवाल है कि आखिर लेबनान में चल रहे बवाल का असर भारत पर कैसे पड़ सकता है? जो देश इतना छोटा है, जहां की इकोनॉमी भारत के सामने कहीं नहीं टिकती, आखिर वो कैसे हमारे देश पर असर डाल सकता है। लेकिन इन्हीं सवालों का जवाब है वो आर्थिक साझेदारी जो भारत वर्तमान में भी कई देशों के साथ निभा रहा है। असल में व्यापार तो कई देशों के साथ किया जाता है, कई चीजें हम देते हैं, तो कई चीजें अब आयात भी करते हैं। अब यही वो पहलू है जहां पर भारत की लेबनान पर भी कुछ हद तक निर्भरता आ जाती है।

लेबनान से ऐसा क्या खरीदता है भारत?

असल में भारत पिछले कई सालों से लेबनान से Calcium Phosphates खरीद रहा है। 2022 का एक आंकड़ा बताता है कि लेबनान से भारत ने 47.4 मिलियन डॉलर के Calcium Phosphates खरीदा है। बड़ी बात यह है कि भारत को Calcium Phosphates की काफी जरूरत है, वो इसका नंबर 1 इंपोर्टर भी माना जाता है। 2022 का ही एक और आंकड़ा कहता है कि भारत ने 2.09 बिलियन डॉलर Calcium Phosphates इंपोर्ट किया था। भारत सबसे ज्यादा आयात जॉर्डन, मोरक्को, टोगो, इजिप्ट और अलजेरिया से करता है। इसके बाद लेबनान जैसे छोटे देश आते हैं। ऐसे में यह कह देना कि भारत को लेबनान की वजह से बहुत बड़ा झटका लगेगा, यह गलत है। लेकिन हां कुछ हद तक असर जरूर पड़ सकता है।

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भारत पर क्या असर पड़ सकता है?

अब सवाल उठता है कि आखिर इस Calcium Phosphates का इस्तेमाल कहा होता है? अब नाम के मुताबिक Calcium Phosphates का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दवाइयों में होता है। अगर किसी को लो बोन डेनसिटी की समस्या रहती है, तब भी जो दवाई दी जाती है, उसमें इस Calcium Phosphates की अच्छी मात्रा रहती है। इसी तरह डेंटल पाउडर में भी Calcium Phosphates की मात्रा रहती है। इसके अलावा खेती में जो फर्टिलाइजर इस्तेमाल होते हैं, वहां भी एक अहम कंपोनेंट Calcium Phosphates ही होता है।

वैसे जानकारी के लिए बता दें कि लेबनान से भारत Calcium Phosphates के अलावा स्क्रैप आयरन, स्क्रैप एलुमिनियम भी आयात करता है। वैसे इस युद्ध में अब क्योंकि लेबनान के साथ इजरायल भी शामिल है, ऐसे में भारत के वहां से कितने हित हैं, यह समझना भी जरूरी हो जाता है। असल में इजरायल और भारत की दोस्ती कई दशक पुरानी है, मुश्किल समय में मदद इजरायल ने ही की है। भारत और इजरायल के बीच में 89 हजार करोड़ का कारोबार चलता है।

इजरायल से भारत क्या खरीदता है?

इसी वजह से भारत वर्तमान में भी भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार इजरायल से ही निर्यात करता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़े तो इस बात की भी तस्दीक करते हैं कि भारत ने पिछले 10 सालों में इजरायल से रडार्स, सर्विलांस और लड़ाकू ड्रोन और मिसाइल्स खरीदे हैं। अब अगर कहीं भी युद्ध शुरू होता है तो सबसे पहला असर सप्लाई चेन पर पड़ता है, जरूरी सामान से लेकर हथियारों का आदान-प्रदान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर इजरायल लगातार कई देशों से युद्ध करता रहेगा, इसका असर भारत पर भी पड़ना लाजिमी है।

वर्तमान में इजरायल से ही भारत को खेती के लिए अत्याधुनिक तकनीक भी मिलती है, कीमती पत्थर, मोती भी इजरायल ही दे रहा है। ऐसे में हर क्षेत्र में असर पड़ने की संभावना है। भारत के लिए राहत की बात यह है कि लेबनान पर उसकी निर्भरता उतनी ज्यादा नहीं है और इजरायल से वो कुछ ऐसा इंपोर्ट नहीं करता है जो अगर तुरंत ना मिले तो संकट खड़ा हो जाएगा। ऐसे में युद्ध हा का असर रह सकता है, लेकिन बहुत बड़ा नुकसान होगा, यह मुश्किल है।