भारत में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए युवाओं की भर्ती का काम देखने वाला शफी अरमार सीरिया में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ही उसकी मौत हुई है। 29 साल का शफी कर्नाटक के भटकल गांव का रहने वाला था। 2014 में उसका बड़ा भाई सुल्‍तान भटकल भी सीरिया में ही मारा गया था।

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जानकारी के मुताबिक, शफी अरमार का एक नाम यूसुफ भी बताया जाता है। वह ISIS के लिए सोशल मीडिया के जरिए युवाओं की भर्ती का काम देखता था। सूत्रों का दावा है कि शफी ISIS सरगना अबु बक्र अल बगदादी के सीधे संपर्क में था। अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि उसने सरकार और खुफिया एजेंसियों के तीन प्रमुख सूत्रों से शफी की मौत के बारे में पूछा था, जिसकी उन्‍होंने पुष्टि की है।

शफी अरमार ISIS के लिए भारत में बेहद अहम किरदार बन गया था। उसने भारत में 30 से ज्‍यादा युवाओं को ISIS के साथ जोड़ा। हालांकि, इनमें से ज्‍यादातर सुरक्षाबलों के हत्‍थे चढ़ गए। लेकिन उसके इरादे कितने खतरनाक थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह 700 युवाओं के संपर्क में था। राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हत्‍थे चढ़े 24 से ज्‍यादा युवाओं ने खुलासा किया कि शफी अरमार ही वह शख्‍स था, जो उन्‍हें ऑनलाइन बम बनाने का तरीका सिखा रहा था। आप यह जानकर और भी ज्‍यादा हैरान रह जाएंगे कि गिरफ्तार किए गए ज्‍यादातर युवाओं ने बम बनाने का कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन सुरक्षाबलों की चौकसी से उनका काम पूरा नहीं हो पाया, वे पकड़े गए।

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