जांच अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ‘आईएसआईएस’ के समर्थन में ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोपी मेहदी मसरूर विश्वास को एक ऐसा नौजवान बताया है जिसमें कट्टरपंथी भावनाएं कूट-कूटकर भरी हुई हैं, जो ‘‘दुश्मन’’ का सिर कलम करने में यकीन रखता है और जो अगवा की गई महिलाओं को यौन-इच्छा की पूर्ति का साधन मात्र मानने को भी गलत नहीं मानता।

बेंगलूर में 13 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए 24 साल के मेहदी ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि वह इस्लाम के कट्टर स्वरूप में यकीन रखता है और उसे भरोसा है कि एक दिन पूरी दुनिया में ‘खिलाफत’ या इस्लामी राज्य कायम होगा।

आधिकारिक सूत्रों ने मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले नौजवान के बयान का हवाला देते हुए बताया, ‘‘मेहदी ने भारतीय मुस्लिमों को ‘सरकारी मुस्लिम’ करार दिया जो सरकारी बलों के खिलाफ लड़ने में अक्षम हैं। उसका मानना है कि दुश्मन का सिर कलम करने और अगवा की गई महिलाओं को यौन-इच्छा की पूर्ति का साधन मात्र मानने में कुछ भी गलत नहीं है।’’

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से जेहादी प्रचारक बने मेहदी ने जांच अधिकारियों को बताया कि वह 2009 से ही सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर रख रहा था और फिर आईएसआईएस का समर्थक बनकर उसके लिए प्रचार करने लगा।

मेहदी ने कहा कि उसे किसी के आईएसआईएस में शामिल होने की जानकारी नहीं है और न ही उसने कभी इस्लामिक स्टेट के किसी लड़ाके से बात की है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां उसके दावों की जांच में जुटी हैं।

सूत्रों के मुताबिक, उसने कहा कि मुंबई के जो तीन युवक अब भी इराक-सीरिया में हैं, उनमें से एक युवा आईएसआईएस समर्थक ट्विटर चला रहा है और संगठन के समर्थन में ट्वीट करता है।

अपनी गिरफ्तारी से 4-5 दिनों पहले मेहदी काफी परेशान था और उसने अपनी मां को बताया था कि वह अपने भविष्य के बारे में कुछ भी निश्चित नहीं कह सकता।