क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों का भारत में बुरा हाल है। ऐसी कई कहानियां सामने आती हैं जहां कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को अपना पेट पालने के लिए दिहाड़ी माजूदरी करनी पड़ती है या फिर अपने मैडल बेच किसी तरह गुजारा करना पड़ता है। ऐसी ही एक और कहानी सामने आई है। यह कहानी है झारखंड की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमारी की।
झारखंड की 20 साल की महिला फुटबॉल खिलाड़ी संगीता की माली हालत इतनी खराब है कि परिवार का पेट पालने के लिए उसे ईट-भट्टा में काम करने को मजबूर होना पड़ा है। धनबाद के बासामुडी गांव में रहने वाली संगीता अंडर-17 और अंडर19 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। पिछले साल लॉकडाउन के बाद से संगीता के परिवार की हालत खराब है। उन्होने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार भी लगाई थी। लेकिन उन्हें अबतक कोई मदद नहीं मिली है।
परिवार की जिम्मेदारी उठाने को मजबूर संगीता ने अब मजदूरी का काम शुरू कर दिया है। संगीता ने साल 2018-19 में अंडर-17 में भूटान और थाईलैंड में हुए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में खेला था और देश का मान बढ़ाया था। संगीता ने जीत के साथ ब्रॉन्ज मेडल भी हासिल किया था। संगीता के पिता ने कहा कि उन्हें उमीद थी कि उसकी बेटी फुटबॉल की अच्छी खिलाड़ी है तो सरकार कुछ करेगी, लेकिन कुछ नहीं मिला है।
संगीता के मुताबिक यही वजह है कि झारखंड के खिलाड़ी दूसरे राज्यों की ओर से खेलते हैं क्योंकि समय पर उन्हें मदद नहीं मिलती। ईट-भट्टा में काम करने के साथ-साथ वह अब भी फुटबॉल खेलती है। वह सुबह घर के पास ही एक फील्ड पर अभ्यास करती हैं। मीडिया से बात करते हुए संगीता ने कहा, ‘हर खिलाड़ी को अच्छा खाना और प्रैक्टिस चाहिए होता है। यहां सरकार खिलाड़ियों को लेकर गंभीर नहीं है। इसी वजह से मुझ जैसे खिलाड़ियों को मजदूरी का काम करना पड़ता है।
संगीता की हालत को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मदद मांगी है। उन्होंने कहा है कि फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमारी की स्थिति देश के लिए शार्मिंदगी का विषय है और ऐसे में राज्य सरकार को इस मुद्दे का प्राथमिकता के आधार पर निदान करना चाहिए।
महिला आयोग ने कहा, ‘संगीता ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत दुनिया में झारखंड का भी प्रतिनिधित्व किया।’ रेखा शर्मा के पत्र की एक प्रति अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के प्रमुख को भी भेजी गई है।